अब बिना ट्रूकॉलर के मोबाइल की स्क्रीन  पर दिखेगा फोन करने वाले का नाम , जानिए नया फीचर

जब भी फोन की घंटी बजती है और मोबाइल की स्क्रीन पर अनजान नंबर दिखता है तो सभी सोच में पड़ जाते हैं कि किसका कॉल होगा? कहीं फेक कॉल या साइबर ठगों की कॉल तो नहीं? क्योंकि देश में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। साइबर ठग अलग अलग नंबरों से कॉल कर लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बनाते हैं। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर लोग अब अनजान नंबरों से आई कॉल को उठाने में हिचकिचाते हैं

Dec 23, 2025 - 18:32
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अब बिना ट्रूकॉलर के मोबाइल की स्क्रीन  पर दिखेगा फोन करने वाले का नाम , जानिए नया फीचर
 न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली  23-12-2025

जब भी फोन की घंटी बजती है और मोबाइल की स्क्रीन पर अनजान नंबर दिखता है तो सभी सोच में पड़ जाते हैं कि किसका कॉल होगा? कहीं फेक कॉल या साइबर ठगों की कॉल तो नहीं? क्योंकि देश में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। साइबर ठग अलग अलग नंबरों से कॉल कर लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बनाते हैं। इन्हीं बातों को ध्यान में रखकर लोग अब अनजान नंबरों से आई कॉल को उठाने में हिचकिचाते हैं। लेकिन सोचो अगर आपने नंबर पर आने वाली इन अनजान कॉल के साथ कॉल करने वाले का नाम भी आ जाए तो क्या होगा। हालांकि Truecaller पर ऐसी सुविधा मिलती है, लेकिन उसमें विश्वसनीयता नहीं है। 
लेकिन अब सरकार एक ऐसा फीचर ला रही है जिसमें जिस शख्स के नाम सिम होगी उसी का नाम स्क्रीन पर दिखेगा। बता दें कि टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने भारत में Calling Name Presentation यानी CNAP फीचर को लागू करना शुरू कर दिया है। इस तकनीक के तहत अब हर इनकमिंग कॉल के साथ कॉल करने वाले का वेरिफाइड नाम स्क्रीन पर दिखाई देगा। अक्तूबर 2025 में इसके ढांचे को मंजूरी मिलने के बाद पिछले महीने से इसका लाइव टेस्ट शुरू हुआ और अब इसे अलग-अलग नेटवर्क पर चरणबद्ध तरीके से रोल आउट किया जा रहा है। 
उम्मीद है कि मार्च या अप्रैल 2026 तक यह सुविधा सभी मोबाइल यूजर्स के लिए एक्टिव हो जाएगी। CNAP फीचर किसी थर्ड-पार्टी ऐप या यूजर्स द्वारा दिए गए नामों पर निर्भर नहीं करता। इसके बजाय, कॉलर का नाम सीधे टेलीकॉम कंपनियों के KYC-वेरिफाइड रिकॉर्ड से लिया जाता है। ये वही जानकारियां होती हैं जो सिम लेते समय आधार जैसे आधिकारिक दस्तावेजों के जरिए दी जाती हैं। 
यानी कॉल के दौरान जो नाम दिखेगा, वह उस नंबर से कानूनी तौर पर जुड़ा हुआ नाम होगा, न कि किसी ने अनुमान से डाला हुआ टैग। फिलहाल यह सुविधा पहले 4G और 5G यूजर्स तक पहुंचाई जा रही है जबकि पुराने नेटवर्क्स को बाद में जोड़ा जाएगा। इसके अलावा TRAI ने स्मार्टफोन कंपनियों से भी कहा है कि वे छह महीने के भीतर अपने डिवाइसेज़ में CNAP सपोर्ट देना सुनिश्चित करें।

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