यंगवार्ता न्यूज़ - धर्मशाला 18-12-2024
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का तपोवन परिसर बुधवार को नेशनल ई-विधान एप्लीकेशन नेवा से जुड़ गया है। बुधवार को विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया तथा नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की मौजूदगी में नेवा का शुभारंभ किया। तपोवन परिसर के नेवा से जुड़ने के बाद हिमाचल विधानसभा की तमाम कार्यवाही को देश के किसी भी कोने से देखा जा सकता है। नेवा के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि डिजिटल इंडिया का सपना 1985 में स्वर्गीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने देखा था। वह स्वयं टेक्नोलॉजी को जानते थे तथा इसका इस्तेमाल करते थे। प्रधानमंत्री बनने से पहले वह पायलट थे, इसलिए उन्होंने उस वक्त टेक्नोलॉजी की परिकल्पना की थी। आज जहां पूरा विश्व टेक्नोलॉजी के सहारे अदभूत विकास कर रहा है वहीं हमारा देश व प्रदेश भी पीछे नहीं है।
मैं हिमाचल प्रदेश को टेक्नोलॉजी के मामले में अग्रणी राज्य मानता हूं, हमने ई-विधान प्रणाली सबसे पहले अपनाई तथा अन्य राज्यों ने भी इसका अनुसरण किया।'' मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-विधान प्रणाली से हम प्रदेश स्तर पर थे, लेकिन आज राष्ट्रीय ई-विधान एप्लिकेशन (नेवा) को अपनाकर हम राष्ट्र स्तर पर पहुंच गए हैं। अब हमारी विधान सभा की कार्यप्रणाली राष्ट्रीय स्तर पर भी देखी जा सकेगी। विधानसभा द्वारा पारित किए गए बिलों , राज्यपाल के अभिभाषण तथा विधानसभा में प्रस्तुत किए जाने वाले बजट को राष्ट्र स्तर पर देख भी सकते हैं तथा उसका अध्ययन एवं मूल्यांकन भी कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि डिजिटल इंडिया का यह प्रोजेक्ट अभी केवल तपोवन विधान सभा के लिए स्वीकृत हुआ है तथा विधानसभा सचिवालय ने शिमला विधानसभा के लिए भी डीपीआर तैयार कर केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्रालय को भेजी है तथा यह विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि वह स्वयं भी संसदीय कार्य मंत्री से मिलकर उनसे इसकी स्वीकृति की गुजारिश करेंगे ताकि शिमला में भी यह सुविधा मिल सके, जहां पर बजट व मॉनसून सत्र आयोजित किए जाते हैं। नेवा के शुभारंभ के मौके पर विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि 2010 में हिमाचल विधानसभा ई-विधान प्रणाली लागू करने वाली देश की पहली विधानसभा थी।
उन्होंने कहा कि तत्कालीन मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह व विधानसभा अध्यक्ष बीबीएल बुटेल के प्रयासों से ई-विधान के लिए केंद्र ने 8.12 करोड़ रुपए मंजूर किए थे। ई-विधान से विधानसभा के कार्य में दक्षता आई। अब एक दशक बाद केंद्र की मदद से नेवा व्यवस्था को लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को इसका फायदा होगा। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने नेवा व्यवस्था लागू करने के लिए पीएम मोदी का आभार जताया। उन्होंने कहा कि यह प्रधानमंत्री की दूरदर्शिता का परिचायक है। उन्होंने कहा कि विधानसभा में पहला डिजिटल बजट 6 मार्च 2020 को उन्होंने पेश किया था। जयराम ठाकुर ने उम्मीद जताई कि ई-विधान की तर्ज पर नेवा का भी प्रदेश को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि ई-विधान जब लागू हुई तो पर्यावरण को भी नुकसान होने से बचाया जा सका है। जयराम ठाकुर ने कहा कि वह भी समय था जब गाड़ियों में भर भर कर कागजों के बंडल विधानसभा की कार्यवाही के लिए पहुंचते थे।