धर्मशाला शीतकालीन सत्र संपन्न : आठ बैठकें , 34 घंटे का कार्य और 85 प्रतिशत रही  प्रोडक्टिविटी

धर्मशाला (तपोवन) में आयोजित हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का समापन हो गया। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने प्रेस से बातचीत में कहा कि कई वर्षों बाद यह पहली बार हुआ है कि तपोवन में सत्र की आठ बैठकें सफलतापूर्वक आयोजित की गईं। उन्होंने इसे विधानसभा की बढ़ती कार्यक्षमता और अनुशासन का सकारात्मक संकेत बताया। अध्यक्ष पठानिया ने कहा कि वर्षभर की आवश्यकता के अनुसार विधानसभा को 35 सीटिंग की जरूरत होती है

Dec 5, 2025 - 20:41
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धर्मशाला शीतकालीन सत्र संपन्न : आठ बैठकें , 34 घंटे का कार्य और 85 प्रतिशत रही  प्रोडक्टिविटी

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला   05-12-2025
धर्मशाला (तपोवन) में आयोजित हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र का समापन हो गया। विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने प्रेस से बातचीत में कहा कि कई वर्षों बाद यह पहली बार हुआ है कि तपोवन में सत्र की आठ बैठकें सफलतापूर्वक आयोजित की गईं। उन्होंने इसे विधानसभा की बढ़ती कार्यक्षमता और अनुशासन का सकारात्मक संकेत बताया। अध्यक्ष पठानिया ने कहा कि वर्षभर की आवश्यकता के अनुसार विधानसभा को 35 सीटिंग की जरूरत होती है, जिसमें से इस बार काफी वर्षों बाद पूरी संख्या के करीब पहुंचकर महत्वपूर्ण उपलब्धि दर्ज की गई है। इस सत्र में विधानसभा ने कुल 34 घंटे कार्य किया और 85 प्रतिशत प्रोडक्टिविटी हासिल की, जो देशभर की विधानसभाओं में सर्वोच्च उत्पादकता वाली श्रेणी में शामिल है। 
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा अपने कामकाज और उत्पादकता के लिए जानी जाती है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में विधानसभा की उत्पादकता 98 प्रतिशत रही, जबकि पिछले वर्ष यह 132 प्रतिशत तक पहुंच गई थी जो यह दर्शाता है कि सदन ने आवंटित समय से अधिक काम किया। अध्यक्ष ने बताया कि सवाल-जवाब के दौरान सदन की ओर से लगभग सभी तारांकित और अतारांकित प्रश्नों के उत्तर दिए गए। जिन प्रश्नों के उत्तर समयाभाव में उपलब्ध नहीं हो सके, उनके लिए सरकार को निर्देश दिया गया है कि अगले सत्र के आरंभ में संबंधित सदस्यों को सभी सूचनाएं उपलब्ध करवाई जाएं। उन्होंने सत्र की विधायी उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए बताया कि अब तक सदन में 90 से अधिक विधेयक (बिल) पारित किए जा चुके हैं। इनमें से लगभग सभी बिलों को राज्यपाल और राष्ट्रपति की स्वीकृति भी प्राप्त हो चुकी है, केवल 5–6 बिल ही प्रक्रिया में लंबित हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने नियम 75 के तहत प्राप्त विशेषाधिकार प्रस्ताव पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि राजस्व मंत्री जगत नेगी द्वारा नियम 75 के तहत भेजे गए प्रस्ताव सहित भाजपा सदस्य विपिन परमार द्वारा भेजे गए प्रपोज़ल को भी वे जांच रहे हैं। “सारा रिकॉर्ड देखा जा रहा है। नियमों की परिधि में यह मामला कहां तक आता है, इसकी पूरी जांच के बाद ही सदन के पटल पर विस्तृत जानकारी रखी जाएगी। अध्यक्ष पठानिया ने धारा 118 से जुड़े महत्वपूर्ण विधेयक का भी उल्लेख किया, जो प्रदेश के विकास और भूमि संबंधी प्रावधानों को प्रभावित करता है। इस पर आज सदन में विस्तृत चर्चा हुई, जिसमें सत्ता पक्ष के साथ-साथ विपक्ष ने भी भाग लिया। 
चर्चा के बाद यह सहमति बनी कि बिल को आगे अध्ययन के लिए सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाए। अध्यक्ष ने बताया कि कमेटी जल्द गठित की जाएगी और अपनी रिपोर्ट तैयार करने के बाद सदन के पटल पर रखेगी। तपोवन में संपन्न यह सत्र कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण रहा, चर्चाओं की गंभीरता, विधायी कामकाज की प्रगति और उत्पादकता के रिकॉर्ड के कारण इसे विधानसभा अध्यक्ष ने ‘सफल और ऐतिहासिक’ करार दिया।

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