सरकार की आर्थिक मदद से आपदा प्रभावितों के चेहरों पर लौटी रौनक, फिर बन कर तैयार हो रहे आशियाने
राज्य में गत वर्ष 2023 में आई विनाशकारी प्राकृतिक आपदा में अपने आशियानों को खो चुके प्रभावितों के चेहरों पर राज्य सरकार की आर्थिक मदद से अब रौनक लौटने लगी है। बरसात में आई त्रासदी से प्रभावित सैंकड़ों लोगों के सपनों के घर फिर से बन कर तैयार
यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी 09-11-2024
राज्य में गत वर्ष 2023 में आई विनाशकारी प्राकृतिक आपदा में अपने आशियानों को खो चुके प्रभावितों के चेहरों पर राज्य सरकार की आर्थिक मदद से अब रौनक लौटने लगी है। बरसात में आई त्रासदी से प्रभावित सैंकड़ों लोगों के सपनों के घर फिर से बन कर तैयार हैं। इसमें राज्य की सुख की सरकार से मिली आर्थिक मदद ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
करसोग क्षेत्र में लगभग 45 आपदा प्रभावित लोग ऐसे हैं, जिन्होंने आपदा के दौरान अपने सपनों के घर खो दिए थे। इस संकट भरी घड़ी में राज्य सरकार प्रभावितों के साथ कंधे से कंधा मिला खड़ी रही। ऐसे प्रभावित, जिनके घर आपदा के कारण पूरी तरह से तबाह या ध्वस्त हो गए थे।
उनके लिए विशेष आर्थिक पैकज घोषित कर उन्हें फिर से घर बनाने के लिए 7 लाख रुपये की राशि प्रति परिवार देने का प्रावधान राज्य सरकार की ओर से किया गया। पैकेज के तहत राहत नियमों में बदलाव के सुपरिणाम अब धरातल पर दिखाई देने लगे हैं।
राज्य सरकार द्वारा घोषित विशेष राहत पैकेज के अनुसार करसोग क्षेत्र के सभी ऐसे आपदा प्रभावितों को राज्य सरकार द्वारा अलग-अलग किश्तों में अब तक प्रति प्रभावित परिवार 6 लाख 80 हजार की राशि जारी कर दी गई है। राज्य सरकार से मिली इस आर्थिक मदद से क्षेत्र के सभी 45 प्रभावितों के घर फिर से बनने को तैयार हैं।
अधिकांश घरों का निर्माण कार्य अंतिम चरण पर है। प्रभावितों को घर बनने के बाद रंग-रोगन के लिए प्रति घर 20 हजार रुपये की राशि अंतिम किश्त के तौर पर दी जानी शेष है।आपदा प्रभावितों फुलमा देवी निवासी बगैन, देवेंद्र कुमार निवासी रल्ला, टेक चंद व सुरेश कुमार निवासी बखरोट का कहना है कि वर्ष 2023 में आई विनाशकारी प्राकृतिक आपदा को कभी भुलाया नहीं जा सकता। वह भयंकर त्रासदी हमारा सब कुछ तबाह कर, अपने साथ बहा ले गई।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के संवेदनशील नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने आपदा की इस घड़ी में जो साथ दिया, उसे भी कभी भुलाया नहीं जा सकता। हम लोग तो फिर से पक्के मकान बनने की उम्मीद ही छोड़ चुके थे, लेकिन मुख्यमंत्री की दरियादिली, संवेदनशील सोच और दूसरों के दुःख को अपना समझने वाली दूरदृष्टि ने हमें फिर से अपने सपनों का घर बनाने का हौसला दिया, उसे पूरा करने में प्रभावितों की आगे बढ़कर मदद भी की है।
इससे प्रभावितों के चेहरों पर रौनक एक बार पुनः लौट आई है। उनके सपनों के घर फिर से बन कर तैयार हो रहे हैं। प्रभावितों का कहना है कि राज्य में यह पहली बार हुआ है कि आपदा प्रभावितों को घर बनाने के लिए सरकार की ओर से 7 लाख रुपये प्रति परिवार की आर्थिक मदद प्रदान की गई है। इससे पूर्व, केवल मात्र डेढ़ लाख रुपये की ही मदद मिल पाती थी, उसके लिए भी संघर्ष करना पड़ता था।
वर्तमान राज्य सरकार की ओर से कुल राशि में से अब तक 6 लाख 80 हजार रुपये की आर्थिक सहायता मिल चुकी है। इस आर्थिक मदद से विनाशकारी प्राकृतिक आपदा से ध्वस्त हुए हमारे घर एक बार पुनः बन कर तैयार हैं, जिसके लिए हम सभी प्रभावित राज्य सरकार के अभारी हैं।
कार्यवाहक एसडीएम सह तहसीलदार करसोग वरुण गुलाटी ने बताया कि गत वर्ष बरसात के दौरान आई प्राकृतिक आपदा में जिन लोगों के घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त या ध्वस्त हो गए थे, उन्हें राज्य सरकार द्वारा विशेष राहत पैकेज के अंतर्गत 7 लाख रुपए की राशि घर बनाने के लिए देने का प्रावधान किया गया है। करसोग उपमंडल के ऐसे सभी 45 प्रभावितों को लगभग 3 करोड़ की राशि जारी की जा चुकी है।
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