हिमाचल प्रदेश में 3800 करोड़ रुपए के बिजली रिफॉर्म प्रोजेक्ट को मिली दो साल की एक्सटेंशन
हिमाचल प्रदेश में 3800 करोड़ रुपए के बिजली रिफॉर्म प्रोजेक्ट को दो साल की एक्सटेंशन मिल गई है। यह परियोजना समय पर शुरू नहीं हो पाई थी, जिसके कुछ बड़े कारण देने के बाद केंद्र सरकार ने इस योजना को एक्सटेंड कर दिया

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 28-07-2025
हिमाचल प्रदेश में 3800 करोड़ रुपए के बिजली रिफॉर्म प्रोजेक्ट को दो साल की एक्सटेंशन मिल गई है। यह परियोजना समय पर शुरू नहीं हो पाई थी, जिसके कुछ बड़े कारण देने के बाद केंद्र सरकार ने इस योजना को एक्सटेंड कर दिया है। रिवेंप्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम को दो साल की एक्सटेंशन मिलने से यहां पर आराम से सभी काम पूरे हो सकेंगे।
इस परियोजना में राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड जहां एक तरफ स्मार्ट मीटरिंग कर रहा है, तो वहीं दूसरी ओर इन्फ्रास्ट्रक्चर डिवेलपमेंट किया जा रहा है। आधारभूत ढांचे में कई तरह के बदलाव अभी से देखने को मिल रहे हैं। बताया जाता है कि इस स्कीम को पहले मार्च 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य था और उसी लक्ष्य पर बिजली बोर्ड काम में जुटा था, मगर अब इस योजना को मार्च 2028 तक पूरा किया जा सकेगा।
बता दें कि समय पर आरडीएसएस योजना में टेंडर का प्रोसेस नहीं हो सका था। पिछली सरकार के समय में जो टेंडर किए गए थे, उनमें पारदर्शिता नहीं होने का आरोप लगाते हुए वर्तमान सरकार ने शुरुआत में ही उनको रद्द कर दिया। सरकार ने चूंकि कैबिनेट में यह फैसला लिया था और कई तरह के सवाल उस टेंडर प्रोसेस पर उठाए गए थे, लिहाजा उन्हें रद्द करते हुए दोबारा से स्कीम में टेंडर किए गए।
इस टेंडर में ही एक से डेढ़ साल का समय निकल गया और अब जाकर टेंडर की प्रक्रिया पूरी हुई है, जिस पर काम भी शुरू कर दिए गए हैं। ऐसे में राज्य सरकार की ओर से केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय से योजना को एक्सटेंशन देने का मामला उठाया गया था, जिसे मान लिया गया है। बाकायदा राज्य बिजली बोर्ड लिमिटेड को इस एक्सटेंशन का पत्र भी मिल गया है और कहा गया है कि मार्च 2028 के बाद इसे आगे नहीं बढ़ाया जा सकेगा।
इससे पहले नए निर्धारित समय पर काम को पूरा किया जाए। इससे हिमाचल बिजली बोर्ड को बड़ी राहत मिली है। यहां बता दें कि 1900 करोड़ रुपए की राशि से स्मार्ट मीटरिंग के काम किए जा रहे हैं और 1900 करोड़ रुपए से आधारभूत ढांचे का विकास किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश को आधारभूत ढांचा विकसित करने के लिए पैसे की दरकार थी, जिसमें केंद्र सरकार मदद कर रही है और बिजली बोर्ड को इस योजना के तहत करोड़ों रुपए की राशि
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