किसानों को लाभान्वित करने वाली योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें : चंद्र कुमार

कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार की अध्यक्षता में आज कृषि निदेशालय, बालूगंज में कृषि विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभागीय अधिकारियों ने राज्य में चल रही कृषि योजनाओं , कार्यक्रमों एवं नवीन पहलों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को लाभान्वित करने वाली योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए

Jun 20, 2025 - 18:17
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किसानों को लाभान्वित करने वाली योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करें : चंद्र कुमार

 
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  20-06-2025


कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार की अध्यक्षता में आज कृषि निदेशालय, बालूगंज में कृषि विभाग की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक में विभागीय अधिकारियों ने राज्य में चल रही कृषि योजनाओं , कार्यक्रमों एवं नवीन पहलों की विस्तृत जानकारी प्रदान की। कृषि मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को लाभान्वित करने वाली योजनाओं का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने, आधुनिक तकनीकों को अपनाने और किसानों की आय में वृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है। बैठक में विभिन्न जिलों में कृषि उत्पादन, बीज वितरण, उर्वरक आपूर्ति, सिंचाई सुविधाओं और किसानों को दी जा रही तकनीकी सहायता पर भी विस्तृत चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि भविष्य की रणनीतियों को जमीनी हकीकत के अनुरूप बनाया जाएगा ताकि कृषि क्षेत्र को और मजबूती मिल सके। 

बैठक में विस्तृत रूप से हिम कृषि पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) प्रौद्योगिकी को हिम कृषि योजना में एकीकृत करना सतत कृषि विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि बदलते परिवेश के अनुसार क्लस्टर मैपिंग के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली एक बेहतर उपकरण है। इसके इस्तेमाल से बहुत कम समय में क्लस्टर मैपिंग की जा सकती है। प्रदेश में योजना के अंतर्गत 5 करोड़ 47 लाख रुपए की राशि आवंटित की गई है। "जीआईजेड इंडिया टीम ने तकनीकी सहायता कार्यक्रम के तहत के प्रदेश के 5 जिलों में हिम कृषि योजना की पायलट गतिविधियां पूरी कर ली हैं। विभागीय फार्मों के पुनरुद्धार और उन्नयन के लिए 2024-25 के दौरान 3 मॉडल फार्मों का चयन किया गया जिन्हे मॉडल फार्म के रूप में विकसित किया गया है। इन फार्म में वीएमएफ भट्टू , जिला कांगड़ा , एसएमएफ भंगानी , जिला सिरमौर और वीडीएस बरती जिला सोलन के आदर्श फार्म शामिल हैं। वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 05 नए मॉडल फार्म चुने गए हैं जिसमें एसएमएफ जोगिंदर नगर, एसएमएफ झूलर शाहपुर कांगड़ा, पीडीएस डलंग लाहौल स्पीति , एसएमएफ ठुल्लेल चंबा एवं एसएमएफ मंझौली नालागढ़ सोलन को शामिल किया गया है। 
बीज आलू का उत्पादन, जो 2018 से बंद कर दिया गया था, खरीफ 2025 से फिर से शुरू किया जा रहा है। खरीफ 2025 से सभी सरकारी खेतों में चरणबद्ध तरीके से प्राकृतिक खेती को अपनाया जा रहा है, जिसके तहत प्रत्येक सरकारी फार्म का कम से कम 20-30 प्रतिशत हिस्सा प्राकृतिक खेती के अंतर्गत लाया जाएगा। आरकेवीवाई के अंतर्गत सरकारी खेतों पर पांच किसान सूचना केन्द्रों के निर्माण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है, जिसमें बीज प्रजनन फार्म, झुल्लर, शाहपुर, जिला कांगड़ा, बीज प्रजनन फार्म, मिलवां, जिला कांगड़ा, बीज प्रजनन फार्म, जोगिंदर नगर, जिला मंडी, आलू विकास स्टेशन, खड़ापत्थर, जिला शिमला एवं बीज प्रजनन फार्म, मंजोली, नालागढ़, जिला सोलन शामिल है। सौर सिंचाई योजना के अंतर्गत वित्त वर्ष 2025-26 में 2 करोड़ रुपए का बजट आवंटन किया गया है। प्रदेश के 26 उपमंडलों में 127 परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है जिस पर 1 करोड़ 63 लाख रुपए की राशि व्यय की जा रही है। इन योजनाओं से 128 हेक्टेयर भूमि लाभान्वित होगी। उन्होंने कहा कि जल से कृषि को बल योजना के तहत 1 करोड़ का बजट आवंटन किया गया है। 
प्रदेश के 26 उपमंडलों में 64 परियोजनाओं पर कार्य प्रगति पर है जिस पर लगभग 84 लाख रुपए की राशि व्यय की जा रही है। इन परियोजनाओं से 125 हेक्टेयर भूमि लाभान्वित होगी। प्राकृतिक खेती के अंतर्गत प्रदेश में 1 लाख किसानों को जोड़ने का लक्ष्य है। अब तक 48 हजार 685 किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा गया है जिसमें 22 हजार 901 पुरुष एवं 25 हजार 784 महिला शामिल हैं। प्राकृतिक खेती के अंतर्गत वर्ष 2024-25 में 1509 किसानों से 3989 क्विंटल मक्का की खरीद 30 रुपए प्रति किलो के हिसाब से की गई है जिसमें 1 करोड़ 19 लाख रुपए का कुल प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) किया गया है। वही 838 किसानों से 2135 क्विंटल गेहूं की खरीद 60 रुपए प्रति किलो के हिसाब से की गई है जिसमें कुल 1 करोड़ 32 लाख रुपए का प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) किया गया है। प्राकृतिक खेती के अंतर्गत 61 किसानों से अब तक 127 क्विंटल हल्दी की खरीद 90 रुपए किलो के हिसाब से की गई है जिस पर 11 लाख 44 हजार रुपए की राशि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) किया गया है।

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