यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी 27-12-2025
हिमाचल प्रदेश में आपातकालीन सेवाएं 108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारियों का संघर्ष अब चरम पर पहुंच गया है। दो दिनों से हिमाचल प्रदेश में जहां आपातकालीन सेवाएं पूरी तरह तप है , वहीं शनिवार को पूरे प्रदेश में 102 और 108 एंबुलेंस कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। दूसरे दिन के प्रदर्शन के दौरान मंडी जिला में उस समय अफरा तफरी मच गई , जब सीटू के बैनर तले एंबुलेंस कर्मचारी यूनियन ने मंडी शहर में शव यात्रा निकाली। इस दौरान एक एंबुलेंस कर्मचारी ने खुद पर डीजल छिड़ककर आत्मदाह का प्रयास किया। बताते हैं कि सरकार के रवैया से परेशान एंबुलेंस कर्मचारी अब आत्मदाह करने को विवश हो रहे हैं।
जब प्रदर्शन के दौरान एंबुलेंस कर्मी ने खुद पर डीजल छिड़ककरआत्मदाह का प्रयास किया। गनीमत यह रही कि इसी बीच अन्य कर्मचारियों ने तुरंत उसे धक्का देकर झुलसने से बचा लिया। एंबुलेंस कर्मचारी का यह प्रदर्शन न केवल मंडी जिला में बल्कि पूरे प्रदेश में दो दिनों से लगातार चल रहा है। दो दिनों से हिमाचल प्रदेश में आपातकालीन सेवाएं 108 और 102 एंबुलेंस पूरी तरह बंद पड़ी है , जिसके चलते लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गौर हो कि हिमाचल प्रदेश में 108 और 102 कर्मचारियों द्वारा दो दिन का प्रदर्शन और हड़ताल का ऐलान किया था। जिसके चलते 26 और 27 दिसंबर को पूरे प्रदेश के 108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारी हड़ताल पर रहे। इस दौरान कोई भी एंबुलेंस प्रदेश में दौड़ती हुई नजर नहीं आई।
कर्मचारियों ने 108 और 102 प्रबंधन और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। कर्मियों का कहना है कि प्रबंधन द्वारा उनका शोषण किया जा रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि हिमाचल प्रदेश में 108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारी 12 घंटे की ड्यूटी कर रहे हैं , जबकि नियमानुसार 8 घंटे की ड्यूटी ही तय होती है। यूनियन के जिला प्रधान सुमित कपूर और महासचिव पंकज कुमार ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में करीब 1300 कर्मचारी अपनी मांगों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारियों का प्रबंधन द्वारा लगातार शोषण किया जा रहा है।
उन्होंने दो टूक शब्दों में सरकार को भी चेतावनी दी कि यदि जल्द ही उनकी मांगों पर विचार नहीं किया गया तो आने वाले समय में यह आंदोलन उग्र हो जाएगा और 108 और 102 एंबुलेंस कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। यूनियन का कहना है कि हिमाचल प्रदेश सरकार और कंपनी द्वारा जो उन्हें वेतन दिया जा रहा है उस वेतन में परिवार का निर्वाह नहीं हो रहा है।
कर्मचारियों ने कहा कि जब सभी विभागों में 8 घंटे की ड्यूटी होती है तो केवल मात्र 108 और 102 कर्मचारी से 12 घंटे क्यों काम लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह कंपनी के शोषण की पराकाष्ठा है। कर्मचारियों ने दो टूक शब्दों में चेतावनी दी कि शीघ्र ही उनकी मांगों पर विचार किया जाए अन्यथा उन्हें लंबे संघर्ष के लिए विवश होना पड़ेगा।