अब स्टडी लीव पर आधे से भी कम मिलेगा वेतन , प्रशासनिक की जगह लेनी होगी वित्त विभाग की अनुमति , निर्देश जारी

हिमाचल प्रदेश में सात अगस्त 2024 के बाद अध्ययन अवकाश पर जाने वाले प्रोफेसरों और शिक्षकों को कुल वेतन का सिर्फ 40 फीसदी वेतन ही मिलेगा। नए सीसीएस अवकाश नियमों के तहत अध्ययन अवकाश के दौरान वेतन भुगतान को लेकर शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी किए हैं। 24 महीने तक के अध्ययन अवकाश के लिए प्रशासनिक की जगह वित्त विभाग की अनुमति लेना भी अनिवार्य कर दिया है

Dec 12, 2024 - 12:09
Dec 12, 2024 - 12:17
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अब स्टडी लीव पर आधे से भी कम मिलेगा वेतन , प्रशासनिक की जगह लेनी होगी वित्त विभाग की अनुमति , निर्देश जारी
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  12-12-2024
हिमाचल प्रदेश में सात अगस्त 2024 के बाद अध्ययन अवकाश पर जाने वाले प्रोफेसरों और शिक्षकों को कुल वेतन का सिर्फ 40 फीसदी वेतन ही मिलेगा। नए सीसीएस अवकाश नियमों के तहत अध्ययन अवकाश के दौरान वेतन भुगतान को लेकर शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी किए हैं। 24 महीने तक के अध्ययन अवकाश के लिए प्रशासनिक की जगह वित्त विभाग की अनुमति लेना भी अनिवार्य कर दिया है। कॉलेज प्रोफेसरों के वेतन से जुड़ी कुछ आपत्तियों के बाद शिक्षा विभाग ने वित्त विभाग से यह मामला उठाया था। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा की ओर से इस संदर्भ में सभी कॉलेज प्रिंसिपलों को पत्र जारी किया गया है। 
प्रदेश सरकार ने कुछ समय पहले केंद्रीय सिविल सेवाएं अवकाश नियम-1972 में बदलाव किया है। नए नियम को केंद्रीय सिविल सेवाएं अवकाश हिमाचल प्रदेश नियम-2024 नाम दिया गया है। वर्ष 1986 से लेकर प्रशासनिक विभाग ही 24 महीने तक की स्टडी लीव के लिए अनुमति देता आया है। अब वित्त विभाग ही तय करेगा कि किसी विभाग के अधिकारी या कर्मचारी को अवकाश पर भेजना है या नहीं। हर साल बड़ी संख्या में अधिकारी और कर्मचारी स्टडी लीव पर जाते हैं। अध्ययन अवकाश के दौरान उन्हें सरकार की ओर से पूरा वेतन दिया जाता है। 
स्टडी लीव पर अधिक कर्मचारियों-अधिकारियों के रहने से जहां विभागों में प्रशासनिक कामकाज प्रभावित होता रहा है, वहीं सरकारी कोष को भी बड़ा नुकसान होता रहा है। अब देश या देश से बाहर ली गई अध्ययन छुट्टी के दौरान सरकारी कर्मचारी-अधिकारी को 40 प्रतिशत वेतन मिलेगा। इसके अलावा महंगाई भत्ता और मकान किराया भी मिलेगा। अवकाश वेतन का भुगतान सरकारी कर्मचारी की ओर से यह प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने के बाद होगा कि वह किसी अंशकालिक रोजगार के संबंध में किसी भी छात्रवृत्ति, वजीफे या पारिश्रमिक की प्राप्ति नहीं कर रहा है। 
उधर, शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट किया कि संशोधित केंद्रीय सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 1972 के सात अगस्त 2024 से प्रभावी होने के साथ, उन लोगों पर इसके लागू होने के संबंध में भ्रम की स्थिति बन गई है, जो इस तिथि से पहले अध्ययन अवकाश पर थे। संशोधित नियम केवल उन कर्मचारियों पर लागू होंगे, जो सात अगस्त 2024 को या उसके बाद अध्ययन अवकाश पर गए हैं। जिन कर्मचारियों ने इस तिथि से पहले अपना अध्ययन अवकाश शुरू किया था, उन्हें पिछले नियमों के तहत अपना वेतन मिलना जारी रहेगा, जो उनके अवकाश स्वीकृत होने के समय लागू थे।

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