शिशुओं के लिए अमृत है मां का दूध’,स्तनपान सप्ताह के उपलक्ष्य पर स्वास्थ्य जागरुकता कार्यक्रम आयोजित
स्तनपान सप्ताह के उपलक्ष्य पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण चौधरी के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने शुक्रवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चबूतरा के अंतर्गत आंगनवाड़ी केंद्र चबूतरा में जिला स्तरीय स्तनपान दिवस मनाया

यंगवार्ता न्यूज़ - हमीरपुर 01-08-2025
स्तनपान सप्ताह के उपलक्ष्य पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. प्रवीण चौधरी के निर्देशानुसार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने शुक्रवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चबूतरा के अंतर्गत आंगनवाड़ी केंद्र चबूतरा में जिला स्तरीय स्तनपान दिवस मनाया।
इस मौके पर विभाग के जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारी बीरबल वर्मा ने उपस्थित प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि अगस्त का पहला सप्ताह दुनिया भर की माताओं के लिए यादगार समय होता है क्योंकि इसे स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य आम लोगों को बच्चे के विकास के पहले 6 महीनों के दौरान मां के दूध के महत्व से अवगत करवाना है।
बीरबल वर्मा ने बताया कि स्तनपान न केवल बच्चे का शारीरिक व बौद्धिक विकास करता है, बल्कि उसकी प्रतिरक्षण प्रणाली को मजबूत बनाकर कई रोगों से बचाता है। इससे बच्चे को दस्त-उल्टी, निमोनिया श्वसन संक्रमण, मोटापा और मधुमेह इत्यादि का खतरा कम हो जाता है। मां का दूध पचाने में आसान और पोषक तत्वों से भरपूर होता है।
इससे न केवल बच्चे को, बल्कि मां को भी लाभ होता है। स्तनपान माताओं में ऑक्सीटोसिन हार्माेन के स्राव को सक्रिय करता है जो जन्म के बाद गर्भाशय को सिकुड़ने में मदद करता है। स्तनपान करवाने से माताओं में प्रसवोत्तर अवसाद की आशंका कम हो जाती है। यह स्तन व डिंबग्रंथि के कैंसर और हृदय रोग की आशंकाओं को भी कम करता है।
जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारी ने बताया कि जन्म के बाद पहले घंटे में ही स्तनपान शुरू कर देना चाहिए। 6 महीनों तक केवल मां का दूध ही पिलायें। बच्चे को पानी भी न पिलाएं। 6 महीने बाद स्तनपान के साथ ऊपरी आहार भी शुरू करें।
इस मौके पर पर्यवेक्षक अजय जगोटा ने कहा कि स्तनपान का शत प्रतिशत लक्ष्य पूरा करने के लिए सरकार ने मातृत्व अवकाश की नीतियां लागू की हैं। कार्यक्रम में स्वास्थ्य कार्यकर्ता मनोज चंद्र, आशा कार्यकर्ता निशमा, शुषमा, सुनीता, मनीषा, बीना, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मीना, सोमा देवी, निलेश और बड़ी संख्या में स्थानीय महिलाएं भी उपस्थित रहीं।
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