जरासू जोत में हिमस्खलन की चपेट में आने से 250 भेड़-बकरियों की मौत , प्रदेश की  लाहौल घाटी में हिमपात 

हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है। बुधवार तड़के जिला कुल्लू और जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में मौसम ने करवट बदली। जिला कुल्लू में जहां झमाझम बारिश हुई तो वहीं लाहौल में इस सर्दी का दूसरा हिमपात हुआ है। चंद्रा घाटी बर्फ से सफेद हो गई हैं। इसके अलावा रोहतांग दर्रा, बारालाचा , शिंकुला दर्रा , कुंजम दर्रा , अटल टनल क्षेत्र ने भी बर्फ की चादर ओढ़ ली।

Oct 22, 2025 - 15:40
Oct 22, 2025 - 16:22
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जरासू जोत में हिमस्खलन की चपेट में आने से 250 भेड़-बकरियों की मौत , प्रदेश की  लाहौल घाटी में हिमपात 

यंगवार्ता न्यूज़ - कुल्लू   22-10-2025

हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों ने बर्फ की सफेद चादर ओढ़ ली है। बुधवार तड़के जिला कुल्लू और जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में मौसम ने करवट बदली। जिला कुल्लू में जहां झमाझम बारिश हुई तो वहीं लाहौल में इस सर्दी का दूसरा हिमपात हुआ है। चंद्रा घाटी बर्फ से सफेद हो गई हैं। इसके अलावा रोहतांग दर्रा, बारालाचा , शिंकुला दर्रा , कुंजम दर्रा , अटल टनल क्षेत्र ने भी बर्फ की चादर ओढ़ ली। बर्फबारी से घाटी के पर्यटन कारोबारी के चेहरे भी खिल गए हैं। उधर, राजधानी शिमला में आज सुबह से धूप खिली हुई है। 
वहीं, बड़ा भंगाल से होली होते हुए कांगड़ा की ओर 600 भेड़-बकरियों के साथ जा रहे भेड़ पालकों पर चंबा के जरासू जोत में बर्फ कहर बनकर गिरी। हिमस्खलन और ठंड से लगभग 250 भेड़-बकरियों की मौत हो गई। दो भेड़ पालक भी लंबे समय तक बर्फ के संपर्क में रहने के कारण आइस बर्न का शिकार हुए हैं। ये भेडपालक जिला कांगड़ा के ग्वाल टिक्कर के रहने वाले हैं। घटना शुक्रवार की बताई जा रही है और शनिवार को चंबा जिले के न्याग्रां के पंचायत प्रतिनिधि को इसकी सूचना मिली। इसके बाद पंचायत प्रधान अशोक कुमार ने शनिवार सुबह ग्रामीणों की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने के लिए रवाना की। जरासू जोत तक पहुंचने के लिए धारड़ी नामक स्थान पर रावी का जलस्तर बढ़ा था। 
इसके बाद ग्रामीणों ने जान जोखिम में डालकर लकड़ी की पुलिया बनाकर नदी को पार किया। ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद घायल भेडपालक कृष्ण कुमार और जोगेंद्र के साथ ही उनकी शेष भेड़-बकरियों को सुरक्षित निकाला। दो भेड़ पालकों को होली अस्पताल में प्राथमिक उपचार देने के बाद टांडा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया है, जहां उन्हें आइस बर्न और अन्य चोटों से राहत देने के लिए उपचार दिया जा रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के अनुसार राज्य के उच्च पर्वतीय कुछ स्थानों पर आज भी हल्की बारिश-बर्फबारी की संभावना है। 23 अक्टूबर को भी कुछ इलाकों में बारिश-बर्फबारी होने का पूर्वानुमान है। 24 से 28 अक्टूबर तक पूरे प्रदेश में मौसम साफ बने रहने का पूर्वानुमान है। 

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