बोर्ड परीक्षा में खराब रिजल्ट रहा तो सब्जेक्ट वाइज शिक्षकों के साथ स्कूल प्रिंसिपल और स्कूल हैडमास्टर पर भी गिरेगी

बोर्ड परीक्षा में खराब रिजल्ट पर अब न केवल सब्जेक्ट वाइज शिक्षकों की इन्क्रीमेंट रुकेगी , बल्कि स्कूल प्रिंसिपल और स्कूल हेडमास्टर पर भी इसकी गाज करेगी। इस सत्र के लिए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने स्कूल शिक्षा निदेशक को इस तरह के निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि विभाग केवल सब्जेक्ट वाइज ही खराब रिजल्ट का डाटा न देखें , बल्कि किस स्कूल का रिजल्ट खराब है, इसकी भी लिस्ट तैयार करे

Jun 9, 2025 - 18:50
Jun 9, 2025 - 19:03
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बोर्ड परीक्षा में खराब रिजल्ट रहा तो सब्जेक्ट वाइज शिक्षकों के साथ स्कूल प्रिंसिपल और स्कूल हैडमास्टर पर भी गिरेगी
 
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  09-06-2025

बोर्ड परीक्षा में खराब रिजल्ट पर अब न केवल सब्जेक्ट वाइज शिक्षकों की इन्क्रीमेंट रुकेगी , बल्कि स्कूल प्रिंसिपल और स्कूल हेडमास्टर पर भी इसकी गाज करेगी। इस सत्र के लिए शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने स्कूल शिक्षा निदेशक को इस तरह के निर्देश जारी किए गए हैं। इसमें कहा गया है कि विभाग केवल सब्जेक्ट वाइज ही खराब रिजल्ट का डाटा न देखें , बल्कि किस स्कूल का रिजल्ट खराब है, इसकी भी लिस्ट तैयार करे। ऐसे में शिक्षकों के साथ-साथ हेड मास्टर और प्रिंसिपल की भी इन्क्रीमेंट रोकी जाएगी। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा घोषित कक्षा-10 व 12वीं में खराब परिणाम देने वाले पर कार्रवाई की तैयारी है। ऐसे शिक्षकों की वार्षिक वेतन वृद्धि (एनुअल इंक्रीमेंट) रोकने व एसीआर में पुअर परफॉर्मेंस को अंकित किया जा सकता है। नियमों में पहले से इसका प्रावधान है। 
इसमें कहा गया है कि वह स्कूल व विषयवार परिणाम तैयार करें। यानी किस स्कूल का परिणाम कितना प्रतिशत रहा। दोनों कक्षाओं के परीक्षा परिणाम में टॉप 500 विद्यार्थियों की सूची भी अलग से तैयार की जाएगी। किन क्षेत्रों में विद्यार्थी पिछड़े हैं, इसकी जांच कर भविष्य में और बेहतर करने के लिए काम किया जाएगा। शून्य से 25 और 26 से 50 फीसदी व 50 से अधिक परीक्षा परिणाम देने वाले स्कूलों की अलग से सूची बनाई जाएगी। इसके साथ यह भी डाटा तैयार किया जा रहा है कि किस स्कूल में कितने बच्चों के 80 प्रतिशत व 60 प्रतिशत से अधिक अंक आए हैं। खराब परीक्षा परिणाम आने पर शिक्षकों की इंक्रीमेंट न रोकने की मांग राजकीय टीजीटी कला संघ प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कौशल ने प्रदेश सरकार से की है। 
इनका कहना है कि नियमित सेवा होने के बाद पिछले सत्रों की खराब परीक्षा परिणाम के चलते इंक्रीमेंट रोकने से अधिक आर्थिक नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि जिन शिक्षकों ने स्कूलों में स्टाफ उपलब्ध नहीं होने के चलते स्कूल के सारे डाक कार्य और गैर शैक्षणिक कार्य किए हैं, उनकी इंक्रीमेंट रोकने की बजाय चेतावनी जारी करना सही कदम होना था। उन्होंने कहा कि कोविड में बच्चों की पढ़ाई में हुए नुकसान के चलते अगले सत्रों 2021 से 2023 तक काफी गिरावट हुई थी, ऐसे में इसका सारा जिम्मा शिक्षकों पर नहीं थोपा जा सकता है। उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों में परीक्षा परिणाम शून्य था, संघ उनकी इंक्रीमेंट बहाली के लिए नहीं कह रहा है। 
मगर जिन स्कूलों में औसत से नीचे परिणाम आने पर इंक्रीमेंट रोकने के लिए आदेश हुए हैं, उन पर रोक लगानी चाहिए। उन्होंने कहा कि संघ ने निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा से इस फैसले को शीघ्र रिव्यू करने की अपील की है। शिक्षा विभाग ने बीते वर्ष 25 प्रतिशत से कम परिणाम देने वाले 116 स्कूलों के 250 शिक्षकों को नोटिस जारी कर उनका जवाब मांगा था। विभाग ने इन शिक्षकों की वार्षिक वेतन वृद्धि रोकी थी। यही नहीं खराब परिणाम को उनकी एसीआर में भी अंकित किया गया है। इस साल भी विभाग ऐसी ही कार्रवाई करने की तैयारी कर रहा है। वहीं विभाग इन दिनों डाटा तैयार करने में जुटा है।

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