अदालत ने युवती की हत्या मामले में धार्मिक आश्रम के शिष्य को दोषी ठहराते हुए सुनाई उम्रकैद की सजा
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (प्रथम) ऊना राजेंद्र कुमार की अदालत ने युवती की हत्या के मामले में एक धार्मिक आश्रम के शिष्य को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई

यंगवार्ता न्यूज़ - ऊना 06-08-2025
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (प्रथम) ऊना राजेंद्र कुमार की अदालत ने युवती की हत्या के मामले में एक धार्मिक आश्रम के शिष्य को दोषी ठहराते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। दोषी की पहचान विकास दुबे, निवासी भदोही (उत्तर प्रदेश), वर्तमान निवासी जाडला कोयड़ी धार्मिक आश्रम के रूप में हुई है।
अदालत ने दोषी को दोषी करार देते हुए उसे उम्रकैद के साथ 50,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। 3 अप्रैल 2021 को जाडला कोयड़ी गांव की 22 वर्षीय नेहा अचानक घर से लापता हो गई थी। घर से निकलते समय उसने परिजनों को गांव स्थित आश्रम में महंत से मिलने की बात कही थी। जब वह वापस नहीं लौटी तो परिजनों ने आश्रम में उसकी तलाश की परंतु कोई सुराग नहीं मिला।
परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने जब नेहा की कॉल डिटेल खंगाली गई तो उसकी आखिरी लोकेशन आश्रम के पास की पाई गई। यह भी सामने आया कि नेहा और आश्रम में रह रहे रही थी। शक के आधार पर पुलिस ने विकास से पूछताछ की। 7 अप्रैल 2021 को विकास दुबे ने पुलिस के समक्ष नेहा की हत्या की बात कबूल ली और बताया कि उसने शव को आश्रम के पीछे दवा दिया है।
पुलिस ने खोदाई कर नेहा का शव बरामद किया और विकास के खिलाफ हत्या सहित विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया। अदालत में कुल 27 गवाह पेश किए गए। अदालत ने उस समय आईपीसी की धारा 302 (हत्या) के अंतर्गत दोषी को आजीवन कारावास और 50,000 जुर्माने की सजा सुनाई।
वहीं, धारा 201 (सबूत मिटाना) के तहत उसे तीन वर्ष की सजा और 10,000 जुर्माना भी अदा करने का आदेश दिया गया। इस जुर्माने की अदायगी न करने पर उसे अतिरिक्त छह महीने का कारावास भुगतना होगा। अदालत ने स्पष्ट किया कि सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
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