हिमाचल हाईकोर्ट ने ड्यूटी ज्वाइन नहीं करने पर 19 डॉक्टरों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने बताया कि डयूटी ज्वाइन न करने वालों 19 डाॅक्टरों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। हाईकोर्ट के 6 जून के आदेशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने भी याचिकाकर्ताओं की अपील को खारिज

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 06-08-2025
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में राज्य सरकार ने बताया कि डयूटी ज्वाइन न करने वालों 19 डाॅक्टरों के खिलाफ कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं। हाईकोर्ट के 6 जून के आदेशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने भी याचिकाकर्ताओं की अपील को खारिज कर दिया। साथ ही अदालत को बताया कि जिन 45 याचिकाकर्ताओं ने एकल न्यायाधीश के आदेश पर रोक के बाद अपनी संबंधित पोस्टिंग की जगह पर ज्वाइन नहीं किया था।
उनमें से 26 डाॅक्टरों ने तैनाती दे दी है। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश बिपिन्न चंद्र नेगी की खंडपीठ ने इस मामले की सुनवाई की। अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी। बॉन्ड शर्तों से बचने की कोशिश कर रहे डॉक्टरों के खिलाफ हाईकोर्ट ने सख्त रुख अपनाया था। याचिकाकर्ताओं ने 24 जनवरी 2022 को 40 लाख रुपये का बॉन्ड भरा था।
इस बॉन्ड के अनुसार कोर्स पूरा करने के बाद उन्हें हिमाचल प्रदेश में दो साल तक सेवाएं देनी थीं। इस अवधि के दौरान उन्हें सरकार की नीति के अनुसार स्टाइपेंड भी दिया गया था। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि नीति के तहत यदि राज्य सरकार पोस्ट ग्रेजुएट परीक्षा पास करने के एक महीने के भीतर फील्ड पोस्टिंग के आदेश जारी नहीं करती है, तो बॉन्ड की शर्त लागू नहीं होंगी।
लेकिन सरकार ने 10 अप्रैल 2025 को पोस्टिंग आदेश जारी किए, जो एक महीने की अवधि के बाद थे। मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने एकल न्यायाधीश के उस फैसले पर रोक लगा दी, जिसमें याचिकाकर्ताओं को उनकी मूल एमबीबीएस डिग्री और बिना तारीख के चेक जारी करने का निर्देश दिया गया था। हालांकि, अदालत ने एकल न्यायाधीश के उस निर्देश को बरकरार रखा, जिसमें देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा गया था।
What's Your Reaction?






