एम्स बिलासपुर में नवजात शिशुओं को मिल सकेगी मां की कोख जैसी सुरक्षित गर्माहट जानिए कैसे
हिमाचल प्रदेश के दुर्गम और ग्रामीण इलाकों से आने वाले परिवारों, जिनके नवजात शिशु जन्म के समय गंभीर बीमारी या समय से पहले जन्म (प्री-मैच्योरिटी) के कारण जीवन और मृत्यु के बीच जूझते
यंगवार्ता न्यूज़ - बिलासपुर 24-12-2025
हिमाचल प्रदेश के दुर्गम और ग्रामीण इलाकों से आने वाले परिवारों, जिनके नवजात शिशु जन्म के समय गंभीर बीमारी या समय से पहले जन्म (प्री-मैच्योरिटी) के कारण जीवन और मृत्यु के बीच जूझते हैं। एम्स बिलासपुर अपने पीडियाट्रिक विभाग और नियोनेटल इंटेंसिव केयर यूनिट (निकू) को अत्याधुनिक बनाने के लिए 20 नए अत्याधुनिक इन्फेंट वार्मर वी 2 खरीद कर रहा है।
खासकर बच्चों को हाइपोथर्मिया से बचाव के लिए यह ब्रह्मास्त्र का काम करेगा। हाइपोथर्मिया वह स्थिति है जब नवजात शिशु का शरीर तापमान सामान्य से खतरनाक रूप से कम हो जाता है। नवजातों में सामान्य तापमान 36.5 से 37.5 डिग्री सेल्सियस होता है। इससे नीचे तापमान जाने पर बच्चे की जान को खतरा पैदा हो सकता है।
नवजात शिशु, विशेषकर प्री-मैच्योर और कम वजन वाले बच्चे, अपनी शरीर की गर्मी खुद नहीं बना पाते। थोड़ी सी ठंड भी उनके लिए जानलेवा साबित हो सकती है। इनके संभावित खतरों में शिशु को सांस लेने में परेशानी,उसका दूध न पी पाना, संक्रमण का खतरा, गंभीर स्थिति में मृत्यु शामिल है।
इससे बचाव के लिए शिशु के जन्म के तुरंत बाद उसे निकू में इन्फेंट वार्मर वी 2 का उपयोग किया जाता है। वहीं इससे लगातार तापमान की निगरानी भी होती है। संस्थान निकू के लिए 20 नए अत्याधुनिक इन्फेंट वार्मर वी 2 खरीद रहा है।
इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर दो से ढाई करोड़ तक खर्च होने की संभावना है। इन उपकरणों के लगने से हर साल सैकड़ों नवजात शिशुओं को मां की कोख जैसी सुरक्षित गर्माहट मिल सकेगी और उनकी जान बचाई जा सकेगी।
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