नर्सों की भर्ती में कोरोना वारियर्स को प्राथमिकता देगी प्रदेश सरकार : सीएम सुक्खू
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोमवार सायं यहां आईजीएमसी शिमला व अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशिलिटी, चमियाणा के फैकल्टी सदस्यों के साथ संवाद करते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों पर विस्तृत चर्चा की

मेडिकल टेक्नोलॉजी पर खर्च कर रहे 1350 करोड़ रुपये
मुख्यमंत्री ने आईजीएमसी और चमियाणा अस्पताल की फैक्लटी के साथ किया संवाद
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 27-05-2025
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सोमवार सायं यहां आईजीएमसी शिमला व अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशिलिटी, चमियाणा के फैकल्टी सदस्यों के साथ संवाद करते हुए स्वास्थ्य क्षेत्र में भविष्य की चुनौतियों पर विस्तृत चर्चा की। इस अवसर पर विभिन्न चिकित्सा महाविद्यालयों के विभाग प्रमुखों ने अपनी प्रस्तुति दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक चिकित्सा महाविद्यालय की आवश्यकताओं के अनुरूप राज्य सरकार हर संभव सहायता प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक वर्ष के भीतर सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में 20 वर्षों से अधिक पुरानी मशीनों और उपकरणों को बदला जाएगा। सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल चमियाणा व टांडा मेडिकल कॉलेज में दो माह के भीतर रोबोटिक सर्जरी की सुविधा को आरंभ कर दिया जाएगा।
सभी मेडिकल कॉलेजों में चरणबद्ध तरीके से थ्री टेस्ला एमआरआई मशीनें भी स्थापित की जा रही हैं। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए कोई विशेष ध्यान नहीं दिया, जिसके कारण मरीजों को विभिन्न समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
वर्तमान सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार को प्राथमिकता दी है और मेडिकल टेक्नोलोजी पर 1350 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेडिकल की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों के लिए हॉस्टल बनाने को सरकार धन उपलब्ध करवाएगी और मरीजों के साथ-साथ स्टाफ के लिए भी पार्किंग सुविधा को सुदृढ़ किया जाएगा।
सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल के साथ-साथ स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न खाली पदों को भरने का प्रयास कर रही है। राज्य सरकार डॉक्टरों के पदों को भर रही है और नर्सों की भर्ती में कोरोना महामारी के समय काम करने वाली नर्सों को प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा पैरा मेडिकल स्टाफ के साथ-साथ टेक्नीशियन की भर्ती भी की जा रही है।
उन्होंने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बहाल करने के कारण हिमाचल प्रदेश पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगाए गए हैं, लेकिन राज्य सरकार इसके बावजूद स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि मरीज हमेशा ठीक होने की उम्मीद लेकर अस्पताल आते हैं, ऐसे में अगर डॉक्टर अच्छे ढंग से उनसे बात करें तो उनकी तकलीफ कम हो जाएगी।
डॉक्टरों को अपने व्यवहार में परिवर्तन करने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री कर्नल (डॉ.) धनी राम शांडिल ने कहा कि इस तरह के संवाद कार्यक्रम स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार में महत्वपूर्ण होते हैं। सभी मेडिकल प्रोफेशनल राज्य के स्वास्थ्य संस्थानों में बेहतर काम कर रहे हैं और इसे अधिक बेहतर बनाने के लिए प्रयास जारी रहने चाहिए।
उन्होंने कहा कि मेडिकल एजुकेशन के क्षेत्र में बहुत तरक्की हो रही है और हिमाचल प्रदेश में आधुनिक मशीनें उपलब्ध करवाने के लिए राज्य सरकार गंभीरतापूर्वक प्रयास कर रही है, ताकि लोगों को घर-द्वार के निकट ही बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकें।
सचिव स्वास्थ्य एम. सुधा देवी ने राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य क्षेत्र में किए जा रहे सुधारों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, विधायक हरीश जनारथा सहित अन्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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