प्रदेश एक बार फिर वित्तीय अनुशासन और आर्थिक स्वावलंबन के क्षेत्र में देश के लिए बना मिसाल
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 17-11-2025
हिमाचल प्रदेश एक बार फिर वित्तीय अनुशासन और आर्थिक स्वावलंबन के क्षेत्र में देश के लिए मिसाल बना है। भारत सरकार के सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश की 90 प्रतिशत वयस्क आबादी के पास बैंक खाते हैं, जबकि केवल 7.4 प्रतिशत लोगों ने ही बैंक ऋण लिया है।
यह आंकड़ा राष्ट्रीय औसत 14.7 प्रतिशत की तुलना में काफी कम है और बेहतर वित्तीय स्थिति का संकेत देता है। रिपोर्ट बताती है कि हिमाचल प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से अधिक है। इसके चलते लोगों में कर्ज लेने की प्रवृत्ति कम दिखाई देती है।
अधिकांश परिवार जरूरतों को अपनी आय और बचत से पूरा करने में सक्षम हैं। विशेषज्ञों के अनुसार यह हिमाचल की आर्थिक और सामाजिक स्थिरता का संकेत है। प्रदेश में सरकारी नौकरियों का मजबूत आधार और बेहतर आर्थिक स्थिति लोगों को ऋण के बजाय आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करती है।
अर्थशास्त्री और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त प्रोफेसर एनके विष्ट कहते हैं कि हिमाचल के लोग अपनी कमाई से ही खर्च पूरा करते हैं और कर्ज पर निर्भरता कम रहती है। स्थिर आमदनी के साधन तथा सरकारी नौकरियों की मौजूदगी उन्हें आर्थिक सुरक्षा देती है।
उन्होंने कहा कि हिमाचली दिखावे पर खर्च नहीं करते, जबकि कई अन्य राज्यों में यह प्रवृत्ति अधिक है। हिमाचल में उच्च शिक्षा और पर्यटन उद्योग की स्थापना के लिए जरूर अधिक ऋण लिया जाता है।
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