समुद्री क्षेत्र में विस्तार का यही सही समय है , आज दुनिया की निगाह हिन्दुस्तान की ओर : पीएम मोदी 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत समुद्री क्षेत्र में तेजी से विकास कर रहा है और दुनिया भी उम्मीद भरी निगाह से भारत की तरफ देख रही है। उनका कहना था कि इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ना है क्योंकि “यही समय है और सही समय है” इसलिए इससे जुड़ी सभी चुनौतियों का सबको मिलकर सामना करना है। पीएम मोदी ने बुधवार को यहां भारत समुद्री सप्ताह-2025 में दुनिया के 85 से अधिक देशों के एक लाख से अधिक प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह सुखद स्थिति है कि यह सम्मेलन दुनिया के आकर्षण का केंद्र बन गया है

Oct 29, 2025 - 20:03
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समुद्री क्षेत्र में विस्तार का यही सही समय है , आज दुनिया की निगाह हिन्दुस्तान की ओर : पीएम मोदी 

यंगवार्ता न्यूज़ - मुंबई  29-10-2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत समुद्री क्षेत्र में तेजी से विकास कर रहा है और दुनिया भी उम्मीद भरी निगाह से भारत की तरफ देख रही है। उनका कहना था कि इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ना है क्योंकि “यही समय है और सही समय है” इसलिए इससे जुड़ी सभी चुनौतियों का सबको मिलकर सामना करना है। पीएम मोदी ने बुधवार को यहां भारत समुद्री सप्ताह-2025 में दुनिया के 85 से अधिक देशों के एक लाख से अधिक प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि यह सुखद स्थिति है कि यह सम्मेलन दुनिया के आकर्षण का केंद्र बन गया है। सम्मेलन में 85 से अधिक देशों की भागीदारी बहुत बड़ा संदेश दे रही है। नीति बनाने वालों से लेकर निवेशकों तक सभी इस सम्मेलन में मौजूद है और यह सब बताता है कि समुद्री क्षेत्र में भारत की क्या अहमियत है। भारत समुद्री क्षेत्र में तेज गति और ऊर्जा के साथ आगे बढ रहा है। 
समुद्री क्षेत्र भारत के विकास को गति दे रहा है और पिछले दशक में, इसमें महत्वपूर्ण बदलाव आया है, जिससे व्यापार और बंदरगाह बुनियादी ढांचे को बढ़ावा मिला है। पीएम मोदी ने इस दौरान मैरीटाइम लीडर्स कॉन्क्लेव में निवेश समझौता ज्ञापनों का उद्घाटन करते हुए शिपिंग और जहाज निर्माण क्षेत्र के लिए भारत की महत्वपूर्ण पहल की शुरुआत की और कहा कि समुद्री क्षेत्र के लिए बने कानून को उनकी सरकार ने इस तरह से तैयार किया है कि देश का संतुलित विकास हो और भारत इस दिशा में एक शक्ति के रूप में सामने आए। उनका कहना था कि देश ने सौ साल से ज्यादा पुराने अंग्रेजों के समय के शिपिंग कानून में बदलाव किया गया है और उन्हें बेहतर भविष्य के कानून के रूप में पेश करने का बेहतर प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि देश में अंतरदेशीय जलमार्ग तेजी से विकसित हो रहे हैं और इनका संचालन भी उसी गति से बढ रहा है। इसी का परिणाम है कि भारत के बंदरगाह दुनिया में सबसे विकसित और कुशल बंदरगाहों में गिने जाते है। श्री मोदी ने कहा कि एक समय था जब भारत में बने जहाज वैश्विक व्यापार के अहम हिस्सा करते थे लेकिन आज भारत फिर नयी ऊर्जा के साथ जहाजों के निर्माण में काम कर रहा है और इसके लिए नीतिगत निर्णय लिये गये हैं जिससे जहाज बनाने वालों के लिए नए रास्ते खुले हैं। 
इससे निर्माण कंपनियों को कई तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। पीएम मोदी ने कहा कि इन सुविधाओं से देश जहाज निर्माण क्षेत्र का प्रमुख केंद्र बनेगा, इससे युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सुलभ होंगे और निवेशकों के लिए नये रास्ते सामने आएंगे साथ ही भारतीय सामर्थ्य का परचम भी छत्रपति शिवाजी महाराज की सोच के अनुरूप दुनिया में फिर लहराने लगेगा। देश में वैश्विक स्तर के बड़े बंदरगाह बनाए जा रहे हैं और अकेले महाराष्ट्र में ही 76 हजार करोड़ रुपए की लागत से नये बंदरगाह निर्मित हो रहे हैं। इन सब पहलों को स्पष्ट संदेश है कि समुद्री क्षेत्र में भारत चार गुना विकास करने के लिए तैयार हो गया है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में 100 फीसदी विदेशी निवेश की अनुमति है और पीपीपी मोड पर निवेश को बढावा दिया जा रहा है। उनका कहना था कि समुद्री क्षेत्र में विस्तार का “यही समय है और सही समय है” इसलिए सबको मिलकर देश को समुद्री क्षेत्र की शक्ति के रूप में आगे बढाना है। 
उनका यह भी कहना था कि जहाज निर्माण में नई ऊंचाइयों को छूने के लिए भारत प्रयास तेज कर रहा है। हमने अब बड़े जहाजों को इंफ्रास्ट्रक्चर एसेट्स का दर्जा दे दिया है। भारत का फोकस व्यापक मैरी टाइम विकास पर है और यह तब ही संभव है जब इसके लिए हर स्तर पर सब मिलकर इस क्षेत्र की चुनौतियों का मिलकर सामना करें। जब वैश्विक समुद्र अशांत होते हैं, तो दुनिया एक स्थिर प्रकाशस्तंभ की तलाश करती है। भारत उस भूमिका को मजबूती और स्थिरता के साथ निभाने के लिए तैयार है। पीएम मोदी ने इससे पहले सम्मेलन में आए विदेशी प्रतिनिधियों से भी बात की। भारत की समुद्री सीमा की बानगी को यह सम्मेलन ज्यादा आधुनिक तकनीक के जरिए समुद्री सीमा को संरक्षित और सुरक्षित रखने को लेकर इस सम्मेलन में चर्चा हो रही है। 
इससे पहले पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि भारत समुद्री सप्ताह में विश्व में मैरीटाइम क्षेत्र में बढ़ते भारत के प्रभाव को प्रदर्शित करने वाले इस सम्मेलन में दुनिया के सम्मेलन में 85 से ज्यादा देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं। सम्मेलन में एक लाख प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं और 350 से ज्यादा वक्ता इस पांच दिवसीय सम्मेलन के दौरान विभिन्न सत्रों को संबोधित करेंगे। इस सम्मेलन का विषय एक समुद्री दृष्टिकोण रखा गया है। उन्होंने कहा कि पहली बार पांच हजार करोड़ रुपए की योजना बनाई है जिसके तहत भारत जहाज का इस्तेमाल करने वाला देश ही नहीं बल्कि जहाज बनाने वाला देश बन रहा है। भारत इस समय समुद्री क्षेत्र में दुनिया के निवेशकों का गंतव्य बन रहा है।

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