यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी 06-12-2025
पूर्व मुख्यमंत्री एवं विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू सिर्फ झूठ की राजनीति करते हैं और हर रोज़ नया झूठ परोस देते हैं। मुख्यमंत्री ने इस बार धर्मशाला के विधानसभा सत्र में भी हर रोज़ एक नया झूठ बोलने का रिकार्ड बना लिया। मंडी से जारी प्रेस बयान में पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों से मुख्यमंत्री हमारे द्वारा पूछे गए सवालों के जबाब में एक ही राग अलाप रहे हैं कि सूचना एकत्र की जा रही है। मैं पूछना चाहता हूं कि मुख्यमंत्री आखिर कब तक ये सूचना एकत्र करने का काम पूरा होगा। विधानसभा सत्र का आयोजन ही इसलिये होता है कि माननीय सत्ता पक्ष और विपक्ष के 68 विधायक अपने सवालों का जवाब मुख्यमंत्री और मंत्रियों से प्राप्त कर सकें , लेकिन यहां तीन साल से एक ही जवाब मिलता है कि सूचना एकत्र की जा रही है।
उन्होंने कहा कि आखिर ऐसा कब तक चलेगा। इतने दिन सत्र चलता है तो क्या आपके अधिकारी होमवर्क करके नहीं आते हैं क्या। क्या आपने ही ऐसे आदेश तो नहीं दे रखें हैं कि कोई सरकार को आंच न आए तो ऐसे सवाल का जबाब सूचना एकत्र की जा रही है ऐसा बोलकर टालने और वक्त निकालने का काम किया जाए। जयराम ठाकुर ने कहा कि ऐसा अब नहीं चलने वाला है। हमारे विधायक अब सरकार से सूचना लेने के लिए पहले ही आर टी आई का सहारा लेने को विवश हो गए हैं। सरकार विधानसभा में तो कोई जवाब सही से देती नहीं है और जब सवाल पूछे गए तो मुख्यमंत्री कहते रहे सूचना एकत्र की जा रही है। ये बेहद गैर जिम्मेदाराना रवैया मुख्यमंत्री का है। इन्होंने कुछ अधिकारियों को इतनी खुली छूट दे रखी है कि वो विधानसभा सत्र में भी टालने वाला काम करते रहे। जयराम ठाकुर ने कहा कि विधानसभा का शीतकालीन सत्र में सभी ने सार्थक चर्चा के माध्यम से जनहित के मुद्दों पर अपनी बात रखी।
सरकार के तो बहुत सारे प्रिविलेजिज़ होते हैं , लेकिन विपक्ष के पास इस माननीय सदन में अपनी बात रखने का प्रिविलेज अध्यक्ष के माध्यम से ही संभव हो पाता है। अध्यक्ष का इस बार उसमें सार्थक सहयोग रहा है जिसके लिए वे अपने पूरे विधायक दल की ओर से उनका आभार भी प्रकट करते हैं। हमेशा से यह परम्परा रही है कि सदन के अंदर विपक्ष को सुने बिना, विपक्ष को अवसर दिए बिना कोई भी चर्चा सार्थक नहीं हो सकती। उस दृष्टि से अच्छी चर्चा हुई है और नियमों के अनुसार हुई है। ऐसे कई अवसर आए जहां तल्खी भी हुई और उसके कारण माहौल थोड़ा गर्म भी हुआ , लेकिन जब सदन समाप्त होता है तो उसको यहीं छोड़कर जाना चाहिए। साथ ले कर नहीं जाना चाहिए, यह नितांत आवश्यक है। उन्होंने विधान सभा सचिवालय के सभी कर्मचारियों व अधिकारियों सहित सरकार के सभी प्रशासनिक अधिकारियों का सत्र में सहयोग देने के लिए भी धन्यवाद किया।