सिंदूर ने उजाड़ी आतंक की कोख , पकिस्तान पर सेना की एयर स्ट्राइक , लश्कर-हिजबुल और जैश मुख्यालय समेत 9 आतंकी ठिकाने ध्वस्त
ऑपरेशन सिंदूर पहलगाम हमले के ठीक 15 दिन बाद भारत ने अपना बदला ले लिया है। बीती रात करीब 1 बजकर 44 मिनट पर भारतीय सेना ने पाकिस्तान और गुलाम जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त कर दिया। भारतीय सेना के इस बदले का नाम 'ऑपरेशन सिंदूर' (Operation Sindoor) दिया गया। भारत ने बहावलपुर में मसूद अजहर के ठिकाने सहित नौ आतंकी ठिकानों पर बमबारी की।

मरकज तैयबा, मुरीदके : साल 2000 में बसे मरकज तैयबा 'अल्मा मेटर' और नांगल साहदान मुरीदके पाकिस्तान के पंजाब में स्थित LeT का सबसे बड़ा ट्रेनिंग सेंटर था। इस परिसर में हथियार और शारीरिक प्रशिक्षण की सुविधा थी। इसी मरकज में हर साल 1000 छात्र दाखिला लेते थे, जिससे हर साल लश्कर के लिए आतंकवादी संगठन तैयार करने में इस मरकज की भूमिका उजागर होती है। ओसामा बिन लादेन ने मरकज तैयबा परिसर के भीतर मस्जिद और गेस्ट हाउस के निर्माण के लिए 10 मिलियन रुपये का वित्तपोषण किया था।
सरजाल/तेहरा कलां : पाकिस्तान के पंजाब में नरोवाल जिले के शकरगढ़ तहसील में बसा से अड्डा जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ के लिए जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का मुख्य प्रक्षेपण केंद्र है। JeM आतंकवादी मोहम्मद अदनान अली उर्फ डॉक्टर और काशिफ जान नियमित रूप से इस जगह का दौरा करते थे।
महमूना जोया सेंटर, सियालकोट : हिजबुल मुजाहिदीन (हिजबुल मुजाहिदीन) का महमूना जोया आतंकी अड्डा भुट्टा कोटली सरकारी केंद्र में बसा हुआ है। इसका उपयोग जम्मू क्षेत्र में हिजबुल मुजाहिदीन कैडरों की घुसपैठ के लिए किया जाता है।
मरकज अहले हदीस बरनाला कोटे : जमेल रोड पर बरनाला शहर के बाहरी इलाके में बसा भीमबेर गुलाम कश्मीर में लश्कर का प्रमुख ट्रेनिंग सेंटर है और इसका इस्तेमाल पुंछ-राजौरी-रियासी सेक्टर में लश्कर के आतंकवादियों और हथियार भेजने के लिए किया जाता था।
मरकज अब्बास, कोटली : ये पाकिस्तान के कोटली में बसे JeM का एक महत्वपूर्ण आतंकी अड्डा है। JeM का शीर्ष कमांडर मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर का करीबी सहयोगी हाफिज अब्दुल शकूर उर्फ कारी जर्रार इस मरकज का प्रमुख है। कारी जर्रार सीधे तौर पर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में शामिल है और भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा वांटेड है।
मस्कर राहील शाहिद, कोटली : ये हिजबुल मुजाहिदीन का सबसे पुराना ट्रेनिंग सेंटर है। इसमें लगभग 150-200 हिजबुल मुजाहिदीन आतंकवादी रह सकते हैं।
शावाई नाल्लाह कैंप, मुजफ्फराबाद : गुलाम कश्मीर में चेलाबंदी पुल के पास बसे इस आतंकी अड्डे को लश्कर के सबसे महत्वपूर्ण शिविरों में से एक माना जाता है। अजमल कसाब सहित 26/11 मुंबई हमले के हमलावरों ने इस शिविर में आतंकवादी प्रशिक्षण लिया था। इस शिविर का प्रयोग लश्कर कैडरों की भर्ती, पंजीकरण और प्रशिक्षण के लिए किया जाता है और यह 2000 की शुरुआत से चल रहा है।
मरकज सैयदना बिलाल : ये गुलाम कश्मीर में जैश का मुख्य केंद्र है, जो मुजफ्फराबाद में लाल किले के सामने बसा है। इस अड्डे का इस्तेमाल आतंकवादियों को जम्मू-कश्मीर में लॉन्च करने से पहले एक ट्रांजिट कैंप के रूप में किया जाता है। बता दें कि भारत के Operation Sindoor को भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना ने संयुक्त रूप से अंजाम दिया। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रात भर ऑपरेशन सिंदूर की लगातार निगरानी कर रहे थे।
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