छात्रहितों की रक्षा के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का संघर्ष जारी, 6 फरवरी से उग्र होगा आंदोलन

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) हिमाचल प्रदेश की प्रदेश कार्यकारिणी बैठक 24-25 जनवरी को नालागढ़ में आयोजित की गई

Jan 30, 2025 - 21:07
Jan 30, 2025 - 21:24
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छात्रहितों की रक्षा के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का संघर्ष जारी, 6 फरवरी से उग्र होगा आंदोलन

यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन    30-01-2025

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) हिमाचल प्रदेश की प्रदेश कार्यकारिणी बैठक 24-25 जनवरी को नालागढ़ में आयोजित की गई, जिसमें प्रदेश संगठन मंत्री, क्षेत्रीय संगठन मंत्री, राष्ट्रीय मंत्री सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल हुए। 

बैठक में प्रदेश के शैक्षणिक और छात्रहितों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई और आगामी आंदोलनों की रूपरेखा तय की गई। नाहन में आयोजित प्रदेश सह मंत्री मनीष बिरसांटा ने प्रेस वार्ता में बताया कि 6 फरवरी से प्रदेशभर में इकाई स्तर पर उग्र आंदोलन की शुरुआत की जाएगी।अभाविप का यह आंदोलन छात्रों के अधिकारों और शिक्षा प्रणाली में सुधार की मांगों को लेकर होगा। 

संगठन ने प्रदेश में छात्र संघ चुनाव बहाल करने, शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक भर्तियों में पारदर्शिता लाने, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की स्वायत्तता बनाए रखने, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP-2020) को प्रभावी तरीके से लागू करने, अतिथि शिक्षक भर्ती नीति को वापस लेने, विश्वविद्यालयों में स्थायी कुलपति नियुक्त करने और शिक्षण संस्थानों के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने जैसी प्रमुख मांगों को सरकार के समक्ष रखा है। 

इसके अलावा, शोधार्थियों को शोधवृत्ति देने, प्रदेश की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने और शिक्षण संस्थानों में आधुनिक पाठ्यक्रम लागू करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया।

प्रदेश सह मंत्री मनीष बिरसांटा ने कहा कि सरकार की निष्क्रियता और शिक्षा व्यवस्था की अनदेखी के चलते छात्रों को लगातार समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश में शिक्षण संस्थानों को बार-बार बंद किया जा रहा है, जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। विश्वविद्यालयों में प्रशासनिक स्तर पर अनियमितताएं बढ़ रही हैं और सरकार इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। 

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को अभाविप की मांगों को गंभीरता से लेना होगा, अन्यथा विद्यार्थी परिषद अपने आंदोलन को और अधिक उग्र करने के लिए मजबूर ह अभाविप ने यह भी स्पष्ट किया कि यह आंदोलन छात्रों के भविष्य को सुरक्षित करने और शिक्षा प्रणाली को सही दिशा देने के लिए किया जा रहा है। 

संगठन का मानना है कि छात्रों को उनके अधिकार दिलाने और शिक्षा में सुधार लाने के लिए संघर्ष करना आवश्यक है। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि आंदोलन की तैयारी के लिए पूरे प्रदेश में व्यापक स्तर पर जनसंपर्क अभियान चलाया जाएगा और अधिक से अधिक छात्रों को इस आंदोलन से जोड़ा जाएगा।

विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में इस आंदोलन को लेकर तैयारियां तेज कर दी गई हैं। संगठन ने सभी छात्रों से आह्वान किया है कि वे इस आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लें और अपने अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट हों। 

विद्यार्थी परिषद का यह संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार छात्रों की समस्याओं का समाधान नहीं करती। यदि छात्रों की मांगों को जल्द से जल्द पूरा नही किया गया तो आने वाले समय में विद्यार्थी परिषद विधानसभा घेराव जैसे उग्र आंदोलन करने से पीछे नही हटेगी।

 

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