राज्य के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में युद्धस्तर पर चल रहा सड़कों, बिजली व जलापूर्ति योजनाओं का बहाली कार्य : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि मूसलाधार बारिश, बादल फटने व भूस्खलन के कारण राज्य में सबसे अधिक सभी प्रभावित क्षेत्रों विशेष रूप से जिला मंडी के थुनाग , जंजैहली में राहत और पुनर्वास के कार्य युद्धस्तर पर किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सचिव निरंतर प्रभावी अंतर-विभागीय समन्वय और त्वरित जमीनी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए समीक्षा बैठकें कर रहे हैं

Jul 3, 2025 - 19:33
Jul 3, 2025 - 19:55
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राज्य के आपदा प्रभावित क्षेत्रों में युद्धस्तर पर चल रहा सड़कों, बिजली व जलापूर्ति योजनाओं का बहाली कार्य : मुख्यमंत्री


यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  03-07-2025


मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि मूसलाधार बारिश, बादल फटने व भूस्खलन के कारण राज्य में सबसे अधिक सभी प्रभावित क्षेत्रों विशेष रूप से जिला मंडी के थुनाग , जंजैहली में राहत और पुनर्वास के कार्य युद्धस्तर पर किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सचिव निरंतर प्रभावी अंतर-विभागीय समन्वय और त्वरित जमीनी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए समीक्षा बैठकें कर रहे हैं। राज्य सरकार लोगों की समस्याओं से अवगत है और आपदा पीड़ितों को राहत प्रदान करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। राज्य और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की दोनों टीमें जंजैहली और थुनाग उपमंडल के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में तैनात हैं। इसके अलावा, मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग, निदेशक ऑपरेशन, राज्य विद्युत बोर्ड और मुख्य अभियंता जल शक्ति विभाग बहाली कार्यों की निगरानी के लिए थुनाग में तैनात हैं। इसके अलावा होमगार्ड, पुलिस और स्वयंसेवकों की टीमें भी राहत और बहाली कार्यों में शामिल हैं। 

मुख्यमंत्री ने सभी विभागों को परस्पर समन्वय के साथ काम करने और विशेष रूप से अति प्रभावित क्षेत्रों में सड़क संपर्क, पेयजल आपूर्ति और बिजली बहाली के लिए त्वरित और समयबद्ध कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। भूस्खलन और बाढ़ के कारण राज्य भर में लगभग 392 सड़कों पर यातायात बाधित हुआ है। राज्य मशीनरी को पूरी तरह से सक्रिय कर दिया गया है और लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता स्वयं मौके पर जा रहे हैं। विभाग युद्धस्तर पर बहाली कार्य में जुटा है, जिसमें 289 जेसीबी और एसकेवेटर, 15 रोबोट, 16 डोजर्स तथा 111 टिप्पर लगाए गए हैं ताकि जल्द से जल्द सड़क मार्गों की सफाई हो सके। कुल बाधित सड़कों में से 196 सड़कों को आज खोले जाने की संभावना है, 79 को 4 जुलाई तक तथा शेष 117 सड़कों को आने वाले दिनों में खोला जाएगा। 20 जून से 3 जुलाई के बीच सड़क अधोसंरचना को लगभग 182 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है। उन्होंने कहा कि मंडी जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है जहां 189 सड़कों पर यातायात बाधित हैं और लगभग 47 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। जिला में 84 जेसीबी व एस्केवेटर, एक रोबोट, तीन डोजर तथा 36 टिप्पर लगाए गए हैं। 

कुछ प्रमुख सड़कें जैसे एमडीआर-24 (मंडी-गग्गल-चैलचौक-जंजैहली), सनारली-शंकर देहरा, एमडीआर-119 (छतरी-मगरूगल्ला से जंजैहली) तथा एमडीआर-96 (थलौट-पंजैण-थाची-शेटाधार-चियुनी-लंबाथाच सड़क) पर बहाली का कार्य किया जा रहा है ताकि महत्त्वपूर्ण सम्पर्क मार्ग शीघ्र बहाल किए जा सकें। जल शक्ति विभाग द्वारा पेयजल और सिंचाई परियोजनाओं को बहाल करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, जोे भारी बारिश और अचानक बाढ़ के कारण प्रभावित हुई हैं। प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद, जल शक्ति विभाग की फील्ड टीमें और इंजीनियर पूरी लगन से कार्य में जुटे हैं। वरिष्ठ अधिकारी स्वयं मौके पर पहुंचकर निगरानी कर रहे हैं। सड़कें बंद होने और खराब नेटवर्क कनेक्टिविटी के कारण फील्ड समन्वय एक चुनौती बना हुआ है। अंतरिम व्यवस्था के रूप में, विभाग ने क्लोरीनेशन के बाद गुरुत्वाकर्षण आधारित प्रणाली से छोटी योजनाओं को सक्रिय कर दिया है, ताकि प्रभावित गांवों में साफ पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, हैंडपंपों और प्राकृतिक जल स्रोतों के माध्यम से भी पानी उपलब्ध करवाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य मशीनरी को तेजी से सक्रिय कर दिया गया है। 

विभाग ने लोगों से अपील की है कि इस संकट की घड़ी में पानी का विवेकपूर्ण उपयोग करें। साथ ही पानी की गुणवत्ता की निगरानी और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए पंचायतों को फील्ड टेस्टिंग किट वितरित की गईं हैं। जिला मंडी में आपदा के कारण चार सब-स्टेशन और 1708 वितरण ट्रांसफार्मर बंद हो गए थे तथा कई किलोमीटर लंबी विद्युत लाइनें पूरी तरह से बह गई थीं। केवल दो दिनों में तीन सब-स्टेशन और 1294 ट्रांसफार्मर को बहाल कर दिया गया है। श्री सुक्खू ने कहा कि 33 केवी गोहर-थुनाग लाइन को बहाल कर दिया गया है और थुनाग में जरूरी सामग्री की आपूर्ति वीरवार शाम तक बहाल कर दी जाएगी। 33 केवी गोहर-पंडोह लाइन को बहाली का कार्य भी अभी जारी है जिससे शीघ्र बहाल किए जाने की उम्मीद है। गोहर विद्युत मंडल की टीम ने 2 जुलाई को पैदल थुनाग पहुंचकर 33 केवी सब-स्टेशन को चालू किया तथा इसके माध्यम से अस्पताल, राहत शिविर, मिनी सचिवालय जैसे महत्त्वपूर्ण सेवाओं को विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। 

जंजैहली क्षेत्र और इसके आसपास बिजली लाइनों को भारी नुकसान पहुंचा है। हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटेड युद्धस्तर पर बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए कार्यरत हैं और प्रभवित क्षेत्रों में 60 लोगों की पांच टीमों को तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि थुनाग और आसपास के क्षेत्र में बोर्ड को लगभग 20 करोड़ रुपये का नुकसान आंका गया है। इस दौरान 33 केवी गोहर-थुनाग-जंजैहली लाइन और गोहर-पंडोह लाइन कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त हुई है। इसके अतिरिक्त, थुनाग और आसपास के क्षेत्र से 8 किलोमीटर लंबी 11 केवी लाइन को भी नुकसान पहुंचा है और 258 ट्रांसफार्मरों की बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। बोर्ड के निदेशक (ऑपरेशन), मंडी जोन के मुख्य अभियंता और सभी वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मंडी के प्रभावित क्षेत्रों में कैंप कर रहे हैं। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि दूरसंचार विभाग द्वारा थुनाग क्षेत्र में इंट्रा सर्किल रोमिंग (आईसीआर) को सक्रिय कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, आपातकालीन संचार के लिए आई सेट को भी क्षेत्र में तैनात किया गया है। मुख्यमंत्री ने फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं और अधिकारियों के समर्पण की सराहना की जो चौबीसों घंटे आवश्यक सेवाओं की बहाली के कार्यों में जुटे हुए हैं। उन्होंने स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य बनानेे के लिए सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया और आश्वस्त किया कि राहत और पुनर्वास कार्यों की निरंतर निगरानी उच्चतम स्तर पर की जा रही है।

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