यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी 22-09-2025
जापान अंतर्राष्ट्रीय सहयोग एजेंसी के तहत हिमाचल प्रदेश फसल विविधीकरण प्रोत्साहन परियोजना (चरण–II) के अंतर्गत बीपीएमयू गोहर द्वारा किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों और फसल विविधीकरण के लाभों से अवगत कराने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में बीपीएमयू गोहर के 12 किसानों का तीन दिवसीय अध्ययन दौरा शिमला और सोलन में सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। ब्लाक प्रोजेक्ट मैनेजर डॉ नरेन्द्र कुमार ने बताया कि यह तीन दिवसीय अध्ययन दौरा किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी रहा। उन्हें न केवल व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त हुआ, बल्कि कृषि क्षेत्र में नई संभावनाओं और तकनीकों से परिचय भी हुआ।
किसानों ने भविष्य में ऐसे प्रशिक्षण और अध्ययन दौरों की पुनरावृत्ति की मांग की, ताकि वे लगातार बदलती कृषि तकनीकों से अवगत रहकर अपनी आजीविका में सुधार कर सकें। उन्होंने बताया कि दौरे के पहले दिन किसानों को सोलन स्थित आई.सी.ए.आर-डी.एम.आर. मशरूम केंद्र ले जाया गया, जहाँ विशेषज्ञों ने मशरूम उत्पादन की संपूर्ण प्रक्रिया, बीज तैयार करने की तकनीक, फसल समय और उत्पादन बढ़ाने के तरीकों की जानकारी दी। किसानों ने बटन, ऑयस्टर और मिल्की मशरूम जैसी विभिन्न किस्मों की पहचान भी की। इस अनुभव से उन्हें मूल्य संवर्धन और बेहतर आय के अवसरों के बारे में व्यावहारिक ज्ञान मिला। उन्होंने बताया कि दौरे के दूसरे दिन किसानों ने डॉ. वाई.एस. परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी (सोलन) का दौरा किया।
मृदा विज्ञान विभाग में मृदा स्वास्थ्य और उर्वरता प्रबंधन के महत्व को समझाया गया। फ्लोरीकल्चर विभाग में उन्नत फूलों की किस्मों और उनकी खेती के तरीकों से परिचित कराया गया। खाद्य प्रसंस्करण विभाग में बेकरी उत्पाद , जैम , जेली , कैंडी और अचार बनाने की प्रक्रिया का प्रदर्शन किया गया। इसके साथ ही सब्जी विज्ञान विभाग में उन्नत सब्जी किस्मों और उनके कीट एवं रोग प्रबंधन पर व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया। तीसरे दिन किसानों ने शिमला के राज्य कृषि प्रबंधन एवं विस्तार प्रशिक्षण संस्थान समिति, मशोबरा में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला में भाग लिया। जिसमें विशेषज्ञों ने किसानों को एग्री-टेक स्टार्टअप्स, नई तकनीकों, जलवायु अनुकूल खेती और कृषि उत्पादों के विपणन के आधुनिक तरीकों पर मार्गदर्शन दिया।