प्रदेश में सरकार की मशीनरी और सहयोग के बगैर हिमाचल में पंचायत चुनाव कराना मुश्किल
पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग और प्रदेश सरकार में उपजे विवाद के बीच मतदाता सूचियों की छपाई का काम रुक गया है। जिला निर्वाचन अधिकारियों की ओर मतदाता सूचियों का डाटा उपलब्ध न करवाने से छपाई का काम आगे नहीं बढ़ पा रहा
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 21-11-2025
पंचायतीराज संस्थाओं के चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग और प्रदेश सरकार में उपजे विवाद के बीच मतदाता सूचियों की छपाई का काम रुक गया है। जिला निर्वाचन अधिकारियों की ओर मतदाता सूचियों का डाटा उपलब्ध न करवाने से छपाई का काम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। मुद्रण एवं लेखन सामग्री विभाग की ओर से छपाई के टेंडर भी जारी कर दिए थे।
रोस्टर जारी होने से पहले इन सूचियों को पंचायतों में भेजा जाना है। हर वार्ड को 20 सूची भेजी जाती है। वहीं, राज्य निर्वाचन आयोग के आदेशों के बाद जिला निर्वाचन अधिकारी क्या करें और क्या न करें की स्थिति में है।
एक तरफ सरकार की ओर से डिजास्टर एक्ट लागू किया गया है तो दूसरी ओर आयोग ने पंचायतों के चुनाव को लेकर मतदाता सूचियां, बैलेट पेपर आदि चुनावी सामग्री उठाने की आदेश जारी किए गए है। इन हालात में दो उपायुक्तों (जिला निर्वाचन अधिकारी) ने मुख्य सचिव को पत्र लिख कर स्थिति स्पष्ट करने का आग्रह किया है।
पंचायतों के पुनर्गठन पर लगाई रोक का फैसला वापस लेने को आयोग तैयार नहीं है। सरकार ने मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का क्लाॅज 12.1 हटाने का आग्रह किया है। आयोग का कहना है कि कोर्ट में ही इसको लेकर स्थिति स्पष्ट कर सकते हैं।
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