रेलवे का पैसा एक ही दिन में ट्रेज़री ने मिसलेनियस हेड में दबाव बनाकर करवाया ट्रांसफर : जमवाल 

भाजपा के नेता एवं विधायक त्रिलोक जमवाल ने कहा को जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है जिसको लगभग सवा दो साल बने हुए हो गए है, पहले दिन से जी यह सरकार फाइनेंशियल मिसमैनेजमेंट कर रही

Mar 1, 2025 - 17:08
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रेलवे का पैसा एक ही दिन में ट्रेज़री ने मिसलेनियस हेड में दबाव बनाकर करवाया ट्रांसफर : जमवाल 

प्रदेश में आर्थिक दिवालियापन, सरकार अफसरों के माध्यम से बना रही दबाव

यंगवार्ता न्यूज़ - बिलासपुर    01-03-2025

भाजपा के नेता एवं विधायक त्रिलोक जमवाल ने कहा को जब से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है जिसको लगभग सवा दो साल बने हुए हो गए है, पहले दिन से जी यह सरकार फाइनेंशियल मिसमैनेजमेंट कर रही है, जिसके कारण प्रदेश की वित्तीय स्थिति बहुत नाजुक हो चुकी है। आज जहां हिमाचल प्रदेश पूरे तरीके से कर्ज में डूब चुका है। 

हिमाचल प्रदेश पर कर्ज एक लाख करोड़ से ऊपर हो चुका है और जिसमें वर्तमान सरकार ने केवल दो वर्षों के कार्यकाल में में 30 हजार करोड़ से अधिक का लोन लिया। इस साल लोन की सारी समाप्त हो गई तब इस सरकार ने जो भी पैसा हमारा विभिन्न मुद्दों में डिपॉजिट था उस सारे पैसे को भी अपने स्टेट ट्रेजरी में मंगवा लिया और वह भी स्टेट ट्रेजरी में मिसलेनियस हेड में मंगवा कर उसको अपनी मनमर्जी से डिस्पर्स कर रहे हैं, जो प्रदेश की फाइनेंशियल हालत को दर्शाता है। 

प्रदेश सरकार का एक पत्र 14 फरवरी 2025 को निकालता है जिसके तहत सारे लैंड ऑफिसर को एक सामान्य दिशा निर्देश जाते है और डायरेक्टर ट्रेजरी के रस्ते ऑल लैंड एकशन ऑफिसर को सबमिट होती है और इस काम के लिए देखिए यह सरकार कितनी तेज गति से काम कर रही। 14 तारीख को चिट्ठी जारी होती है और 14 तारीख को ही बैंकों को डायरेक्शन दे दी जाती है कि, जो भी पैसा आपके पास है उसको आज ही डिपॉजिट प्रदेश ट्रेजरी में कराया जाए और उस पैसे को उसी निर्धारित तिथि को ट्रेजरी में जमा कराया जाता है। 

यह है कांग्रेस सरकार का सरकारी दबाव का तंत्र।  उन्होंने कब की मैंने पहले भी कहा था कि कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इसके ऊपर अपनी प्रतिक्रिया भी दी थी और उन्होंने कहा था कि ये स्टेट का पैसा है यह भारतीय रेलवे का पैसा है जो लैंड एक्विजिशन कलेक्टर को आया है क्योंकि किसी भी प्रदेश में जब रेलवे अपने प्रोजेक्ट को फाइनल आकर देता है और उसमें लैंड एक्विजिशन होना अनिवार्य है। 

स्टेट गवर्नमेंट पहले सेंटर से रेलवे का पैसे मांगती है कि भूमि देने वाले को वितरित करती हैं।पहले केंद्र बताता है कि कितने पैसे केंद्र के खाते में  पहले दिए जाते है तभी नोटिफिकेशन निकाले यह प्रोसीजर है और उस प्रोसीजर के तहत सेंट्रल गवर्नमेंट ने हिमाचल प्रदेश सरकार को और इस भानुपल्ली रेलवे लाइन को अधीन करने के लिए 75 करोड़ रुप डिपॉजिट करे थे। 

केंद्र से इस प्रक्रिया के अंतर्गत हिमाचल के बैंकों में 900 करोड़ से अधिक की राशि भेजी थी। उस 975 करोड़ में से 500 करोड़ के आसपास लाभार्थियों को ट्रांसफर हो गया, लेकिन जो 475 करोड़ रु बिलासपुर के लाभार्थियों का हमारे विभिन्न बैंकों में पड़ा था उसको 14 फरवरी 2025 की नोटिफिकेशन के बाद प्रत्येक बैंक ने तुरंत प्रदेश की ट्रेजरी डिपॉजिट करवा दिया। 

मेरे पास आईसीआईसीआई बैंक की चिट्ठी है जिसमें एक करोड़ ट्रांसफर हुआ है, यह एचडीएफसी की चिट्ठी है जो लैंड एकशन कलेक्टर ने लिखी है और उसके 200 करोड़ रुप ट्रांसफर हुआ है। यह कोऑपरेटिव बैंक की चिट्ठी है जिसके तहत एचपी स्टेट कोऑपरेटिव बैंक बिलासपुर जिसके तहत 31 करोड़ रु साकार ने वापिस किए है। 

कैनरा बैक उसकी भी चिट्ठी मेरे पास है, जो चिठिया सरकारी दफ्तर से गई है  जिसके अंतर्गत 475 से 500 करोड़ के आसपास बिलासपुर रेलवे का ट्रेजरी में जमा कराया है और बिलासपुर रेलवे इसलिए क्योंकि चिट्ठी लैंड एक्विजिशन कलेक्टर ने 14 फरवरी को ही यह चिट्ठी बैंकों को भेजी और पैसा ट्रांसफर किया।  त्रिलोक जमाल ने इस पत्र को मीडिया के समक्ष पढ़कर भी सुनाया। 

पत्र में हिमाचल प्रदेश ट्रेजरी इन सीट हेड नंबर 1052 यह मिसलेनियस का हिमाचल प्रदेश ट्रेजरी का अकाउंट जिस अकाउंट में उने ट्रांसफर करने के लिए कहा गया और बैंकों पर दबाव बनाकर एक ही दिन में बैंकों से पास स्नांतरण करवाया गया।


 

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