यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 02-09-2025
ccccc। लेकिन एक विधान सभा द्वारा जवाब नहीं दिया जा रहा है। बीते कल स्पीकर महोदय द्वारा सवाल का जवाब देने का आश्वासन दिया गया और आज फिर से जवाब आया है कि सूचना एकत्रित की जा रही है।
आखिर ऐसी कौन सी जानकारी है जिसका आंकड़ा ही एकत्र नहीं हो पा रहा है। डेढ़ साल से इस मामले में सूचना एकत्र ही की जा रही है, जबकि इसी सवाल का जवाब हमारे विधायक द्वारा सूचना के अधिकार के माध्यम से हासिल की गई हैं। जब कोई सूचना आरटीआई के तहत मिल सकती है तो सरकार वही सूचना सदन के पटल पर क्यों नहीं रख सकती है? यहाँ सूचना एकत्र नहीं की जा रही है बल्कि सूचना छुपाई जा रही है। यह विपक्ष का नहीं माननीय सदन और पीठ का भी अपमान है। यह सदन की मर्यादा के ख़िलाफ़ है। सदन में हमारे अधिकार छीने जा रहे है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार सूचना छुपा रही है। क्योंकि उसे पता है कि सूचना के आने के परिणाम क्या होंगे। इस सरकार ने नैतिकता और नीति की सारे आम धज्जियाँ उड़ा रही है। मुख्यमंत्री ने उप चुनाव में आदर्श चुनाव आचार संहिता का खुला उल्लंघन करते हुए देहरा विधानसभा क्षेत्र में 64 महिला मंडलों को पचास–पचास हजार दिए।
एक हज़ार से ज़्यादा महिलाओं के खाते में 4500- 4500 रुपए डाले। मुख्यमंत्री ने चुनाव में अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया। यह जनता के वोटों का डाका है। कांग्रेस देश भर में वोट चोरी का नाटक करती है लेकिन उसके मुख्यमंत्री लोगों के वोटों का डाका डाल रहे हैं। झूठी गारंटियां देकर हिमाचल में लोगों के वोट की चोरी की , हिमाचल का जनादेश हथियाया। जयराम ठाकुर ने कहा कि यह सरकार मित्रों की सरकार है। मित्रों के अलावा सरकार को किसी चीज की परवाह नहीं हैं। मुख्यमंत्री समेत पूरी सरकार और उसके मंत्री सिर्फ झूठ बोलते हैं, सदन से सड़क तक प्रदेश के लोगों को गुमराह करती है। सदन में भी सरकार हँसी ठिठोली करती है। सरकार किसी चीज को लेकर गंभीर नहीं है। अपनी नाकामियों को भी वाजिब ठहराती हैं। गंभीर से गंभीर मुद्दे को हवा में उड़ा देते हैं। मुख्यमंत्री को यह याद रखना चाहिए कि 70 लाख से ज्यादा लोगों प्रदेश के लोगों को भगवान और झूठ के भरोसे नहीं छोड़ सकते हैं।
सदन में भी मुख्यमंत्री को खुलेआम बार-बार झूठ बोलते हुए देखकर हैरत होती है। क्या इस तरह से प्रदेश के मुद्दों से मुंह मोड़कर और झूठ पर झूठ बोलकर प्रदेश का भला हो सकता है। हिमाचल ऑन सेल का दौर चल हुआ है। प्रदेश की एक से बढ़कर एक संपत्तियां सरकार ने नीला करने का लक्ष्य बना लिया है। पालमपुर कृषि विश्वविद्यालय की जमीन बेच चुकी है। जिस पर न्यायालय ने रोक लगाई है। हिमाचल प्रदेश की सरकार नाकाम है। हिमाचल के हितों की अनदेखी करके, विकास पर रोक लगाकर वह प्रदेश का भला नहीं कर सकती है। झूठ बोलकर प्रदेश के विकास को गति नहीं दे सकती हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार सदन में अपनी एक भी उपलब्धि नहीं गिना सकी और बैकफुट पर रही।