हिम केयर से इलाज भी न देने वाली संवेदनहीन सरकार है कांग्रेस : जयराम ठाकुर

शिमला से जारी बयान में पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रचारतंत्र और मित्रमंडली के झूठ के सहारे सरकार चला रहे मुख्यमंत्री इस कदर संवेदनहीन हो गए हैं कि उन्हें गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों की आंहें भी सुनाई नहीं दे रही हैं। कम से कम जानलेवा बीमारियों से जूझ रहे लोगों के इलाज के लिए उन्हें संवेदनशीलता दिखानी चाहिए। लोग इलाज के लिए कर्ज लेने पर विवश हैं या इलाज ही नहीं करवा पा रहे हैं

Nov 8, 2025 - 15:56
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हिम केयर से इलाज भी न देने वाली संवेदनहीन सरकार है कांग्रेस : जयराम ठाकुर

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  08-11-2025
शिमला से जारी बयान में पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रचारतंत्र और मित्रमंडली के झूठ के सहारे सरकार चला रहे मुख्यमंत्री इस कदर संवेदनहीन हो गए हैं कि उन्हें गंभीर बीमारियों से जूझ रहे लोगों की आंहें भी सुनाई नहीं दे रही हैं। कम से कम जानलेवा बीमारियों से जूझ रहे लोगों के इलाज के लिए उन्हें संवेदनशीलता दिखानी चाहिए। लोग इलाज के लिए कर्ज लेने पर विवश हैं या इलाज ही नहीं करवा पा रहे हैं। हिम केयर जैसी योजना जितनी पवित्र भावना के साथ पूर्व सरकार ने शुरू की थी, वर्तमान सरकार ने पूरी योजना को गर्त में पहुंचा दिया। कैंसर जैसी बीमारी में अपनी जिंदगी की जंग लड़ रहे लोगों के साथ भी सरकार खड़ी नहीं हो रहीं है। ऐसे बीमार जो कैंसर से लड़ना चाहते हैं उन्हें सुक्खू सरकार की नाकामी से लड़ना पड़ रहा है। 
पूरा दिन झूठ बोलने वाले मुख्यमंत्री अपनी हर नाकामी को किसी न किसी मनगढ़ंत झूठ से ढकने की कोशिश करते हैं। सुख की सरकार के नाम पर दुख देने का यह सिलसिला बंद होना चाहिए इलाज के लिए दर-दर भटकने , हाथ के कंगन और मंगलसूत्र बिकवाने वाली सरकार को संवेदना दिखानी चाहिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने किसी न किसी तरह का बहाना बनाकर डेढ़ हज़ार से ज़्यादा स्कूल बंद कर दिए। जिससे स्थानीय बच्चों को भारी असुविधा हुई। आज ही समाचारों में पढ़ा कि चौपाल विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचन में एक स्कूल में 116 बच्चे इस ठंड में भी तिरपाल के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं , क्योंकि बारिश में स्कूल की दीवार ढह गई तो सरकार वह दीवार नहीं बनवा पाई। हैरत की बात यह है कि इसमें 28 बच्चे प्री नर्सरी के हैं। खतरे को देखते हुए स्कूल खाली करवाया और कोई अस्थाई इंतज़ाम भी नहीं किया। 
बिना शौचालय और अन्य सुविधाओं के तिरपाल में क्या देश के नौनिहालों का भविष्य संवरेगा ? बच्चों के अभिभावक धरना देने की बात कर रहे हैं। सरकार आए दिन विज्ञापन छपवाती है कि हम सरकारी शिक्षा को विश्व स्तरीय बना रहे हैं और हालत यह है कि बच्चों को सुरक्षित छत तक नसीब नहीं हो पा रही है। प्रचार तंत्र सुक्खू सरकार की नाकामी को कुछ समय के लिए छुपा तो लेगा लेकिन यह हकीकत नहीं बदल सकता है। बड़ी-बड़ी बातें करने के बजाय मुख्यमंत्री को जमीनी हकीकत समझने की आवश्यकता है। प्रदेश का हर वर्ग सरकार से हताश है इसलिए मुख्यमंत्री को सब कुछ सही है का ढोंग करने, झूठे दावे और मन गढ़ंत आंकड़ों के ढोंग से बाहर आना चाहिए।
  

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