यंगवार्ता न्यूज़ - कुल्लू 08-11-2025
हिमाचल प्रदेश के जिला कुल्लू के खराहल घाटी में बनने वाले बिजली महादेव रोपवे निर्माण को लेकर लगातार सरकार और कंपनी की परेशानी बढ़ रही है। पहले ही स्थानीय व्यक्ति द्वारा एनजीटी में इस मामले को लेकर केस दायर किया गया था , तो वहीं अब बिजली महादेव मंदिर कमेटी द्वारा भी एनजीटी में केस दायर किया गया है। अब एनजीटी ने 13 नवंबर को होने वाली सुनवाई में कंपनी और सरकार से इस बारे जवाब मांगा है। हालांकि मंदिर कमेटी का कहना है कि इससे पहले जो 17 अक्टूबर को एनजीटी में सुनवाई हुई है। उसमें सरकार ने पेड़ कटान को कोई भी अनुमति देने की बात नहीं कही है। सरकार ने कहा कि उन्होंने अपनी ओर से पेड़ कटान की कोई अनुमति नहीं दी है और इस बारे कंपनी प्रबंधन से जानकारी ली जाएगी।
वहीं, बिजली महादेव मंदिर कमेटी का भी कहना है कि रोपवे निर्माण को जो 25 तरह की अनुमति लेनी होती है। वह सरकार और कंपनी के द्वारा पूरी नहीं की गई है। गौर रहे कि बीते दिनों में प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए नग्गर में जगती का आयोजन किया गया। जगती में देवी देवताओं ने भी साफ कहा कि बिजली महादेव देवता इस समय काफी नाराज चल रहे हैं और यहां जो भी छेड़छाड़ की जा रही है , उसे तुरंत बंद किया जाना चाहिए। अगर इंसान ने अपनी गलतियों को नहीं सुधारा, तो उन्हें देवी-देवताओं के प्रकोप का सामना करना होगा। पूर्व सांसद एवं भगवान रघुनाथ की छड़ीबरदार महेश्वर सिंह ने बताया कि इस मुद्दे को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के समक्ष भी रखा गया है और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी इस बात पर जल्द चर्चा होगी।
उन्होंने कहा कि कुल्लू में देव वाणी के माध्यम से जो देवी देवताओं ने आदेश दिए थे। उसके बारे में भी भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को अवगत करवाया गया है। ऐसे में अब उम्मीद है कि जल्द ही यह मुद्दा प्रधानमंत्री के समक्ष रखा जाएगा और प्रधानमंत्री के द्वारा रोपवे को निरस्त किया जाएगा। बिजली महादेव मंदिर कमेटी के कोषाध्यक्ष फतेह सिंह राणा ने बताया कि इस मामले को लेकर 13 अक्टूबर को एनजीटी में केस दायर किया गया है और अब 13 नवंबर को इसकी अगली सुनवाई होनी है। फतेह सिंह राणा का कहना है कि रोपवे निर्माण के लिए तीन पंचायतों द्वारा वन अधिकार समिति के माध्यम से ही अनुमति दी गई है। हालांकि वन अधिकार समिति के सदस्यों का कहना है कि उन्होंने कोई भी अनुमति नहीं दी है और न ही कहीं पर उनके द्वारा हस्ताक्षर किए गए हैं।
वहीं, इस पूरे मामले में फर्जी दस्तावेजों के जमा होने के भी सबूत मिल रहे हैं। मोहल से बिजली महादेव मंदिर के पास ये रोपवे 2.33 किलोमीटर लंबा होगा। इसमें 2 स्पैन होंगे। रोपवे के जरिए पर्यटक 10 मिनट में बिजली महादेव पहुंच सकेंगे, जबकि सडक़ के जरिए जिला मुख्यालय कुल्लू से करीब 15 किलोमीटर का सफर करने के बाद डेढ़ किलोमीटर का पैदल सफर तय करना पड़ता है। इस रोपवे की लागत 274 करोड़ रुपए है। इस रोपवे के निर्माण के लिए 200 से अधिक पेड़ों का कटान होना है, जिनमें अभी तक करीब 80 पेड़ काटे जा चुके हैं।