यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 19-11-2024
पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर संसदीय क्षेत्र से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार द्वारा सेली हाइड्रो कंपनी को 64 करोड़ रुपये बकाया नहीं चुकाने पर दिल्ली में हिमाचल भवन को कुर्क करने के आदेश को कांग्रेस सरकार का निकम्मापन बताते हुए इसे कांग्रेस की कार्यपद्धति पर काला धब्बा बताया है। अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि जनहित की बजाय मित्र हित में आकंठ डूबी हिमाचल की कांग्रेस सरकार आए दिन अपने निकम्मेपन से देवभूमि के मान-सम्मान को धूमिल कर रही है। कांग्रेस की लापरवाही में चलते हिमाचल हाई कोर्ट द्वारा दिल्ली में हिमाचल की आन-बान-शान हिमाचल भवन को अटैच करने का आदेश इस कांग्रेस सरकार की कार्य पद्धति पर काला धब्बा है।
कांग्रेस की विफलता से पहले ही हिमाचल आर्थिक आपातकाल झेल रहा है, और ऐसे में दिल्ली में हिमाचल भवन की कुर्की का आदेश हिमाचल प्रदेश के अत्यंत शर्मनाक है। कांग्रेस राज में हिमाचल भवन के नीलामी तक की स्थिति आ गई और इनकी पूरी पार्टी पार्टी-मोड में है। कांग्रेस ने हिमाचल में सरकार बनाने के 2 साल के भीतर प्रदेश पर ₹96500 करोड़ से ज़्यादा का कर्ज चढ़ा दिया, दिल्ली में हिमाचल की शान हिमाचल भवन को कुर्क कराने की नौबत ला दी , अभी तो सरकार के 3 साल बाक़ी हैं। ना जाने हिमाचल का क्या-क्या बिकवायेगी कांग्रेस सरकार। आख़िर कांग्रेस के तानाशाही और विलासिता की कितनी कीमत हिमाचल को चुकानी पड़ेगी?
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा ये सरकार ना जनभावनाओं पर ना ही अपने वादों पर खरी उतर पाई और तो और कांग्रेस सरकार कार्यप्रणाली से आज हिमाचल की चारों ओर जगहंसाई हो रही है। कभी शौचालय पर टैक्स की बात, कभी समोसे की सीआईडी जांच और अब हिमाचल भवन की कुर्की के आदेश से साफ़ है कि ये सरकार पूरी तरफ़ दिशाहीनता व दिवालियापन की शिकार हो चुकी है। हिमाचल में कांग्रेस सरकार आर्थिक कुप्रबंधन के चलते आज प्रदेश 96 हज़ार करोड़ के कर्जे में डूब गया है और यही हालात रहे तो इस साल के अंत तक यह एक लाख करोड़ पहुँच जायेगा। कांग्रेस सरकार ने 2 वर्ष में प्रदेश का बंटाधार कर दिया है।
प्रदेश पर महंगाई का बोझ, इंडस्ट्री के साथ बेरुखी, कर्मचारियों को सैलरी-पेंशन के लिए तरसाना दिखाता है कि कांग्रेस से सरकार चलाई नहीं जा रही। कांग्रेस का हाथ प्रदेश की जनता के गिरेबान पर है। बिजली के दाम इन्होंने आते ही दो बार बढ़ा दिए, पर्यावरण और दूध का सेस लगा दिया, उद्योगों पर भी सेस बढ़ाया गया है जिस से राज्य में उद्योग पलायन कर रहे हैं। कांग्रेस ने चुनावों से पहले बड़े बड़े वादे किए मगर चुनाव के बाद वादे पूरे करना तो दूर प्रदेश की माली हालत इतनी खराब कर दी कि यहाँ वेतन और पेंशन के लाले पड़ गये हैं।