हिमाचल प्रदेश में बारिश और बर्फबारी न होने से किसान और बागवान परेशान
हिमाचल प्रदेश की सेब बागवानी इस समय गंभीर संकट के दौर से गुजर रही है। बदलते मौसम के मिजाज और लंबे समय से बारिश व बर्फबारी न होने के कारण न केवल सेब के लिए जरूरी चिलिंग आवर्स पूरे नहीं हो पा रहे हैं, बल्कि बागवानी से जुड़े अन्य जरूरी कार्य भी ठप पड़ गए
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 26-12-2025
हिमाचल प्रदेश की सेब बागवानी इस समय गंभीर संकट के दौर से गुजर रही है। बदलते मौसम के मिजाज और लंबे समय से बारिश व बर्फबारी न होने के कारण न केवल सेब के लिए जरूरी चिलिंग आवर्स पूरे नहीं हो पा रहे हैं, बल्कि बागवानी से जुड़े अन्य जरूरी कार्य भी ठप पड़ गए हैं। हालात ऐसे हैं कि कई इलाकों में बीते दो महीनों से सूखे जैसी स्थिति बनी हुई है।
राज्य के ऊपरी और मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में आमतौर पर इस समय तक पर्याप्त ठंड और नमी मिल जाती थी, जिससे बागवान गोबर की खाद डालने, कटाई-छंटाई और नए पौधरोपण का काम शुरू कर देते हैं, लेकिन इस बार नमी की भारी कमी के चलते बागवान इन कार्यों से भी गुरेज कर रहे हैं।
मिट्टी सूखी होने के कारण खाद डालने से लाभ के बजाय नुकसान का डर सता रहा है। बागवानी विशेषज्ञों के अनुसार सेब के लिए 1400 से 1600 चिलिंग आवर्स आवश्यक होते हैं, लेकिन कई क्षेत्रों में यह आंकड़ा अब तक काफी पीछे है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि जलवायु परिवर्तन के कारण सेब बागवानी के पारंपरिक क्षेत्र लगातार दबाव में आ रहे हैं। यदि समय रहते हालात नहीं सुधरे तो सेब उत्पादन के साथ-साथ हजारों बागवान परिवारों की आजीविका पर भी गहरा संकट खड़ा हो सकता है।
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