बाबा साहब का अपमान करना ही रही कांग्रेस, नेहरू-गांधी परिवार की पॉलिसी और लेगेसी : जयराम ठाकुर

शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि भारत रत्न बाबा साहब का कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने हमेशा अपमान किया है। बाबा साहब का अपमान करना ही कांग्रेस पार्टी, गांधी-नेहरू परिवार की पॉलिसी और लीगेसी रही

Dec 24, 2024 - 14:15
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बाबा साहब का अपमान करना ही रही कांग्रेस, नेहरू-गांधी परिवार की पॉलिसी और लेगेसी : जयराम ठाकुर

बाबा साहब के अपमान के लिए पूरे देश से माफ़ी मांगे कांग्रेस के सभी नेता और गांधी परिवार

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला     24-12-2024

शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि भारत रत्न बाबा साहब का कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने हमेशा अपमान किया है। बाबा साहब का अपमान करना ही कांग्रेस पार्टी, गांधी-नेहरू परिवार की पॉलिसी और लीगेसी रही है। बाबा साहब के अपमान का कोई भी मौका कांग्रेस के नेताओं ने आज़ादी के पहले भी नहीं छोड़ा और आज़ादी मिलने के बाद भी नहीं छोड़ा। 

उन्हें चुनाव जीतने से रोका, उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर निकालने के कुत्सित प्रयास किए। अपनी सरकारी मेंअपने परिजनों को सत्ता में रहते ही भारत रत्न देने वाले बाबा साहब को अपनी सरकार में भारत रत्न भी नहीं दिया। यह सब इतिहास में दर्ज है। दुखद यह है कि कांग्रेस ने बाबा साहब के साथ किए अपमान और साजिशों के बारे में देश दुनिया को पता भी नहीं चलने दिया। 

यह हास्यास्पद है कि जिस कांग्रेस पार्टी ने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का हमेशा अपमान किया, उनका मजाक उड़ाया और उन्हें लज्जित किया, आज वही पार्टी उनके नाम पर हक मांगने का ढोंग कर रही है। कांग्रेस की सोच हमेशा बाबासाहब की विरोधी रही है। कांग्रेस को अपने नेताओं और पंडित नेहरू द्वारा बाबा साहब अंबेडकर के प्रति किए गए अपमान के लिए पूरे देश से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।
 
जयराम ठाकुर ने कहा कि जब भी कोई नेता मंत्रिपरिषद से इस्तीफा देता है, तो सदन में उसे बोलने का मौका दिया जाता है लेकिन बाबासाहब के इस्तीफे के बाद सदन में उन्हें बोलने तक नहीं दिया गया। अपने त्याग पत्र में बाबा साहब ने पंडित नेहरू के खिलाफ बहुत कुछ लिखा है। बाबा साहब ने अपने इस्तीफे में लिखा था कि “मैं वित्त और उद्योग क्षेत्र में पढ़ा-लिखा था, मगर मुझे उससे जुड़ा एक भी विभाग नहीं दिया गया और एक भी संसदीय कमेटी का हिस्सा नहीं बनाया गया। 

मुझे कानून मंत्रालय दिया तो गया, मगर ईमानदारी से काम नहीं करने दिया गया। मुझे हिंदू कोड बिल के कार्य को पूरा नहीं करने दिया गया। नेहरू द्वारा केवल मुसलमानों की चिंता की गई, लेकिन एससी और एसटी को उचित संरक्षण प्रदान नहीं किया गया। प्रधानमंत्री का सारा ध्यान मुस्लिम समुदाय के प्रति समर्पित रहता है। 

मुसलमानों को दिए जा रहे संरक्षण से मुझे कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन क्या देश में केवल मुसलमानों को ही सुरक्षा की आवश्यकता है?” इसी कारण कांग्रेस द्वारा बाबा साहब के त्याग पत्र को जनसामान्य के बीच में नहीं लाया गया। कांग्रेस पार्टी को यह स्पष्ट करना चाहिए कि उसने बाबा साहब के त्यागपत्र को जनता के सामने क्यों नहीं आने दिया? शायद अगर यह त्यागपत्र सामने आता, तो पंडित जवाहरलाल नेहरू की पगड़ी उछल जाती। पंडित नेहरू डॉ. बीसी रॉय को लिखे एक पत्र में साफ़ लिखते हैं कि भीमराव अंबेडकर के इस्तीफे से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। 

कांग्रेस पार्टी आज बाबा साहब के अधिकारों की बात करते हुए किस मुंह से कर रही है, यह समझ से परे है। जिस कांग्रेस ने देश के महान सपूत डॉ भीम राव अंबेडकर का हमेशा से ही अपमान किया और उन्हें संविधान सभा का सदस्य तक नहीं बनने देने का प्रयास किया, आज वह बाबा साहब के प्रति प्रेम का दिखावा कर रही है। 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिस तरह से पंडित नेहरू और कांग्रेस के नेताओं ने बाबा साहब अंबेडकर के साथ बदसलूकी की और उनका अपमान किया, जिसके साक्ष्य भी मौजूद हैं, उसके लिए कांग्रेस को बिना शर्त माफी मांगी मांगनी चाहिए और राहुल गांधी को यह नाटक बंद करना चाहिए।

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