यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 15-12-2024
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड की संस्कृति, रीति रिवाज एवं परंपराओं से मेल खाती उत्तराखंड के जौनसार भाषा में बनी पहली फीचर फिल्म मैरै गांव की बाट शीघ्र ही हिमाचल प्रदेश के शिमला और पावंटा के पिक्चर हॉल में प्रदर्शित होगी। यह जानकारी फिल्म के निर्माता के. एस चौहान और जौनसार के लोक गायक अज्जू तोमर ने संयुक्त रूप से शिमला में दी। जौनसार बावर की पहली फीचर फिल्म मेरे गांव की बाट देहरादून के सेंट्रियो मॉल में 5 दिसम्बर से हाउसफुल चल रही है और 27 या 28 दिसंबर तक शिमला में लांच की तैयारी है।
फिल्म के निर्माता के एस चौहान ने आज शिमला में बताया कि जौनसारी फ़िल्म मैरै गांव की बाट भले ही जौनसार बावर की संस्कृति को प्रचारित करने वाली है , बल्कि साथ ही इस क्षेत्र में रोजगार व कारोबार की दिशा में भी सकारात्मक बदलाव लाने वाली है। फिल्म में संस्कृति के अलावा पलायन के दर्द को भी दिखाया गया है और इस समस्या से निपटने का संदेश भी दिया गया है। इसके अलावा कई क्षेत्रों के पिछले अनुभव बताते हैं कि जिस जिस क्षेत्र की छोटी बड़ी फिल्म इंडस्ट्री बनी है वहां रोजगार में काफी इजाफा हुआ है।
सिनेमा व संगीत के अलावा पर्यटन उद्योग पर भी चौतरफा प्रभाव पड़ता है। स्थानीय होम स्टे, रेस्टारेंट आदि उद्योगों पर भी स्थानीय सिनेमा बड़ा असर डालता है। इससे पहले उत्तराखंड में गढ़वाली व कुमाउनी भाषा की काफी फिल्में बन चुकी हैं, पर जौनसार बावर की लोकभाषा में यह पहली फिल्म है, जो बड़े पर्दे पर प्रदर्शित हो रही है।अब यह फिल्म हिमाचल प्रदेश के पिक्चर हालों में भी जल्दी ही दिखाई देगी।