प्रदेश में लगातार हो रही भारी वर्षा से जान माल को हुए भारी नुकसान पर भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ने चिंता की व्यक्त
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) की राज्य कमेटी प्रदेश में लगातार हो रही भारी वर्षा से जान माल को हुए भारी नुकसान पर गंभीर चिंता व्यक्त करती है तथा जिन लोगों ने इस आपदा में जान गंवाई है उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करती

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 17-08-2025
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) की राज्य कमेटी प्रदेश में लगातार हो रही भारी वर्षा से जान माल को हुए भारी नुकसान पर गंभीर चिंता व्यक्त करती है तथा जिन लोगों ने इस आपदा में जान गंवाई है उनके परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करती हैं। जो लोग आपदा से प्रभावित हैं पार्टी आज इस संकट की घड़ी में उनके साथ खड़ी है।
आपदा से लगभग पूरा प्रदेश प्रभावित हुआ है तथा सरकार के आंकड़ों के अनुसार अभी तक इसमें करीब 261 लोगों ने अपनी जान गंवाई व 38 लोग अभी भी लापता हैं। सरकार द्वारा किए अभी तक के प्राथमिक आंकलन के अनुसार इससे करीब 2144 करोड़ रुपए के नुकसान हुआ है तथा 2385 मकानों को नुकसान पहुंचा है जिनमें 566 पूरी तरह ढह गए।
360 दुकानें और 2,174 पशुशलाएँ ध्वस्त हुई हैं। इस मानसून सीजन में 1,626 पशु और 25,755 पोल्ट्री पक्षियों की मौत हो चुकी है। अधिकांश क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति, सड़क, परिवहन व बिजली जैसी मूलभूत सेवाएं बाधित है। वैसे तो पूरे ही प्रदेश में इस भारी वर्षा और बाढ़ से नुकसान हुआ है। परन्तु मण्डी, कुल्लू, शिमला, कांगड़ा, सिरमौर, ऊना व चंबा जिला में जान माल का भारी नुकसान हुआ है।
पार्टी प्रदेश में सभी से अपील करती हैं कि इस संकट के दौर सब एकजुट होकर इस आपदा का मुकाबला कर इससे उभरने के लिए कार्य करे। इसके साथ ही पार्टी मांग करती है कि प्रदेश सरकार तुरन्त सर्वदलीय बैठक बुलाकर इस आपदा से निपटने के लिए सभी के सहयोग के साथ जमीनी स्तर पर राहत कार्य करे तथा केंद्र सरकार इस आपदा की गंभीरता को समझते हुए इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित कर कम से कम 3000 करोड़ रुपए की फौरी आपदा राहत राशि प्रदान करे।
भारी वर्षा के कारण प्रदेश में अधिकांश सड़के या तो बह गई हैं या क्षतिग्रस्त हुई है। जो सड़के चल भी रही है वहां भी वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं है। आज प्रदेश में लगभग सभी राष्ट्रीय उच्च मार्ग भी बुरी तरह से प्रभावित है। जिससे प्रदेश देश के अन्य हिस्सों से कट सा गया है। प्रदेश में राष्ट्रीय उच्च मार्ग व अन्य सड़के बन्द होने से आज किसानो को सेब व अन्य फसले मंडियों तक ना पहुंचने से सड़ने की कगार पर है। इससे प्रदेश का किसान जो पहले से ही संकट के दौर से गुजर रहा है को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
प्रदेश के काफी क्षेत्र ऐसे है जहां पर प्रशासन अभी तक पहुंच ही नहीं पाया है और राहत कार्य सुचारू रूप से नहीं हो रहा है। कई गांव आज भी ऐसे हैं जहां राशन व आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति अभी भी बाधित है। सड़कों के टूटने से लोग आपातकालीन स्वास्थ्य व अन्य सेवाओं से भी वंचित हो गए हैं। जिससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है। सरकार समय रहते प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्य करने में समर्थ नहीं हैं क्योंकि सरकार के सभी विभागों में कर्मचारियों की भर्ती पर रोक के कारण कर्मचारियों की कमी है।
सीपीआईएम की राज्य कमेटी मांग करती हैं कि केंद्र सरकार इस आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे तथा इससे निपटने के लिए राज्य को फौरी राहत के रूप में कम से कम 3000 करोड़ रुपए की राहत राशि व अन्य संसाधन तुरन्त उपलब्ध करवाए।
राज्य सरकार इस आपदा से निपटने के लिए तुरन्त सर्वदलीय बैठक की पहल करे। इसके साथ राज्य सरकार द्वारा युद्धस्तर पर राहत कार्य चलाया जाए। सभी विभाग के आपसी तालमेल के लिए मुख्यसचिव की अध्यक्षता में टास्क फोर्स का गठन किया जाए।
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