आपदा के 6 महीने बाद भी बहाल नहीं हुई सड़कें , बुजुर्ग, बीमार और गर्भवती को पालकी के सहारे पहुंचा रहे अस्पताल : जयराम ठाकुर

शिमला से जारी बयान में पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि प्रदेश में आई आपदा से राहत के मामले में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पूरी तरह विफल और संवेदनहीन साबित हुई है। छह महीने बीत जाने के बाद भी सरकार अभी तक बह चुकी सड़कों में मिट्टी और पत्थर भरवा कर भी उन्हें बहाल नहीं करवा पाई। जिसकी वजह से प्रदेश में मंडी और आसपास के जिलों की सैकड़ों पंचायत सड़क मार्ग से कटी हुई है

Dec 22, 2025 - 11:32
Dec 22, 2025 - 13:36
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आपदा के 6 महीने बाद भी बहाल नहीं हुई सड़कें , बुजुर्ग, बीमार और गर्भवती को पालकी के सहारे पहुंचा रहे अस्पताल : जयराम ठाकुर

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  22-12-2025
शिमला से जारी बयान में पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि प्रदेश में आई आपदा से राहत के मामले में सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार पूरी तरह विफल और संवेदनहीन साबित हुई है। छह महीने बीत जाने के बाद भी सरकार अभी तक बह चुकी सड़कों में मिट्टी और पत्थर भरवा कर भी उन्हें बहाल नहीं करवा पाई। जिसकी वजह से प्रदेश में मंडी और आसपास के जिलों की सैकड़ों पंचायत सड़क मार्ग से कटी हुई है। सैकड़ों गांव आज भी वाहनों की पहुंच से दूर हैं। आपात स्थिति में किसी बीमार को बुजुर्ग को या फिर गर्भवती महिला को अस्पताल भी ले जाना हो तो उन्हें किसी न किसी तरह से पालकी पर लादकर कई–कई किलोमीटर पैदल चलकर अस्पताल पहुंचाना पड़ रहा है। जो सड़कें इस आपदा में बह गई, उन्हें पक्की करना तो दूर उनके गड्ढे भी ग्रामीण क्षेत्रों में नहीं भरे जा सके हैं। विभाग के अधिकारी बजट न होने का हवाला देकर सड़के बहाल करने में अपनी असमर्थता जाता रहे हैं। 
बजट क्यों नहीं है इसका जवाब सरकार न तो सार्वजनिक मंचों से देती है और नहीं सदन में। मंडी और आसपास के जिलों में सबसे अधिक तबाही हुई, लेकिन सरकार ने राहत कार्यों की बजाय जश्न मनाना ज्यादा जरूरी समझा। उसके लिए किसी भी तरह की बजट की कमी नहीं हुई क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा आपदा राहत के लिए भेजे गए पैसे का इस्तेमाल जश्न मनाने में हुआ। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि जितनी फुर्ती से मुख्यमंत्री ने संस्थानों को शिफ्ट किया और आपदा प्रभावितों पर फर्जी मुकदमें दर्ज करवाकर आए दिन उन्हें थाने में बुलाकर बैठाया जा रहा है, यदि उतनी फुर्ती से सड़कों की बहाली होती तो आज यह दिन नहीं देखने पड़ते। सरकार ने जश्नों और उत्सवों में समय और संसाधन लगाए, लेकिन जिन क्षेत्रों में घर, सड़कें और आजीविका तबाह हो चुकी है, वहां राहत और पुनर्वास के नाम पर कुछ भी नजर नहीं आता। प्रभावित लोगों को न तो समय पर मदद मिली और न ही सरकार का कोई ठोस कार्य योजना सामने आई। 
सड़कों की बहाली के लिए मुख्यमंत्री द्वारा बजट तक जारी नहीं किया जा रहा। सड़कें पक्की करना तो दूर, जो सड़कें बह गई हैं उसमें मिट्टी डालकर अस्थायी रूप से जोड़ने तक का काम नहीं हो पाया है। जयराम ठाकुर ने कहा कि अब सर्दियां शुरू हो चुकी हैं और कुछ ही दिनों में बर्फबारी का दौर आने वाला है, लेकिन आपदा प्रभावित लोगों के पास न रहने का ठिकाना है और न ही भविष्य को लेकर कोई भरोसा। सरकार ने न अस्थायी आवास की व्यवस्था की और न ही ठंड से बचाव के लिए कोई ठोस योजना बनाई। उन्होंने कहा कि सुख की सरकार की उदासीनता और अकर्मण्यता ने प्रदेश के आपदा पीड़ितों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्र में  तुरंत राहत, सड़क बहाली, अस्थायी आवास के लिए तत्काल  बजट जारी किया जाए। 
जयराम ठाकुर ने कहा कि एक ओर प्रदेश बेरोजगारी, आर्थिक संकट और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली से जूझ रहा है। आयुर्वेदिक अस्पतालों में मरीजों को दवाइयां तक उपलब्ध नहीं हैं। प्रदेश की सांस्कृतिक पहचान से जुड़े कार्यक्रम के लिए वसूली की जा रही है। सड़कों के गड्ढे भरने के लिए बजट नहीं है। लेकिन आयुष विभाग द्वारा मित्रों के लिए क्रिकेट टूर्नामेंट आयोजित किए जा रहे हैं। जनस्वास्थ्य से जुड़े विभाग को इवेंट मैनेजमेंट एजेंसी की तरह चलाना जनता के साथ धोखा है। सरकार इससे बाज आए तो बेहतर होगा।

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