यंगवार्ता न्यूज़ - पांवटा साहिब 25-12-2025
लोक निर्माण विभाग शिलाई मंडल में भ्रष्टाचार चरम पर है। आलम यह है कि विभाग द्वारा मंत्री के चहतों ठेकेदारों को रेवड़िया बांटी जा रही है। हेरत की बात तो यह है कि लोक निर्माण विभाग शिलाई डिवीजन को केंद्र सरकार के पोस्ट डिजास्टर नीड्स असेसमेंट ( पीडीएनए ) के तहत 2 करोड़ रुपए का बजट आया था। इस बजट के अगेंस्ट पीडब्ल्यूडी विभाग ने 11 करोड़ के टेंडर लगा दिए। यह बात पांवटा साहिब में आयोजित पत्रकार वार्ता में शिलाई के पूर्व विधायक एवं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता बलदेव तोमर ने कही। बलदेव तोमर ने कहा कि शिलाई पीडब्ल्यूडी डिवीजन में सितंबर और अक्टूबर महीने में करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार सामने आया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के पोस्ट डिजास्टर नीड्स असेसमेंट के तहत विभाग को 2 करोड़ रुपए का बजट आवंटित हुआ था। इस बजट के अगेंस्ट पीडब्ल्यूडी विभाग के तत्कालीन अधिकारी ने काबीना मंत्री चहेते ठेकेदारों के 11 करोड़ रुपए के 317 टेंडर लगा दिए।
बलदेव तोमर ने कहा कि मजेदार बात तो यह है कि जो अधिकारी 31 अक्टूबर 2025 को रिटायर हुआ उसने उसी दिन 5:00 बजे के बाद इन टेंडरों की बिट खोली। उन्होंने कहा कि मंत्री के करीबियों को टेंडर आवंटित करने के लिए उक्त अधिकारी ने ऑनलाइन टेंडर नोटिस में नाम और स्थान ही शो नहीं किया , जिसके चलते अन्य लोग टेंडर में हिस्सा नहीं ले सके। बलदेव तोमर ने कहा कि 31 अक्टूबर को सेवानिवृत होने वाले अधिकारी ने 5:00 बजे के बाद टेंडर खोले जिसके सबूत उनके पास मौजूद है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार और ईएनसी पीडब्ल्यूडी से मांग की है कि विभाग द्वारा शिलाई डिवीजन डिवीजन में लगाए गए 317 टेंडर की जांच की जाए और उन्हें निरस्त किया जाए। बलदेव तोमर ने कहा कि पीडब्ल्यूडी विभाग ने शिलाई डिवीजन के सब डिवीजन सतोंन में सबसे अधिक 150 टेंडर , रोनहाट उप मंडल में 100 टेंडर , जबकि कमरोऊ , टिंबी और शिलाई सब डिवीजन में 25 - 25 टेंडर ऑनलाइन और ऑफलाइन टेंडर लगाए हैं।
बलदेव तोमर ने आरोप लगाया कि 3 वर्षों से शिलाई पीडब्ल्यूडी डिवीजन भ्रष्टाचार का अड्डा बनकर रह गया है। उन्होंने कहा कि विभाग में तैनात अधिकारी मंत्री के चेहतों को रेवड़ियां बांट रहे हैं। मजेदार बात तो यह है कि उन कार्यों के भी टेंडर लगाए गए जो कार्य पहले हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जो पैसा आपदा से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए भेजा था सिस्टम के इशारे पर पीडब्ल्यूडी विभाग ने लगभग 11 करोड़ के टेंडर लगा दिए। उन्होंने बताया कि जिस पैसे से आपदा पीड़ितों के नुकसान की भरपाई की जानी थी। उन पैसों का गलत तरीके से उपयोग करते हुए पहले बनी सड़कों के पर लगाया गया है। सिस्टम और उच्च अधिकारियों की नाक तले धांधली की गई है।
पांवटा साहिब में पत्रकार वार्ता के दौरान साक्ष्य दिखाते हुए उन्होंने कहा कि बहुत से टेंडर उच्च अधिकारी के रिटायरमेंट के बाद अवार्ड हुए हैं। कई सिंगल टेंडर भी अवार्ड किए गए हैं और कई टेंडर में लोकेशन को छुपाया गया है। भाजपा प्रवक्ता ने आरोप लगाए की बहुत से टेंडर मंत्री के नजदीकियों को फायदा पहुंचाने के लिए अवार्ड किए गए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री और पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर से मांग की है कि यह सभी टेंडर निरस्त किए जाएं और इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की जाए। बलदेव तोमर ने कहा कि पिछले तीन वर्षों में कांग्रेस सरकार ने भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। क्षेत्र में आईपीएस और खनन विभाग में भी बहुत बड़ी घपलेबाजी चली हुई है। समय आने पर वह इन सभी घोटालों का भी सबूत सहित पर्दाफाश करेंगे।