यंगवार्ता न्यूज़ - चंबा 29-05-2025
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में प्राकृतिक खेती के माध्यम से किसानों की आर्थिकी को सुदृड़ करने के लिए अनेक महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं जिनके सार्थक परिणाम आने आरंभ हो गए हैं। प्राकृतिक खेती के माध्यम से उत्पादित मक्की , गेहूं और जौ के अलावा हल्दी का भी न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को दिया जा रहा है। राज्य सरकार की इस महत्वाकांक्षी पहल के महत्व बारे कृषि विभाग के आत्मा प्रोजेक्ट विंग द्वारा जिला के किसानों को प्राकृतिक खेती के महत्व के अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने तथा इससे पैदा किए जा रहे उत्पादों को लिए सरकार द्वारा प्रदान किए जा रहे समर्थन मूल्य बारे उन्हें जागरूक व प्रोत्साहित किया जा रहा है, परिणाम स्वरूप बड़ी संख्या में जिला के किसान प्राकृतिक विधि से मक्की, गेहूं, जौं तथा हल्दी की पैदावार कर रहे हैं तथा राज्य सरकार द्वारा दिए जा रहे समर्थन मूल्य का लाभ ले रहे हैं।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की बदौलत इस वर्ष जिला चंबा के भटियात उपमंडल के किसानों द्वारा कृषि विभाग के माध्यम से 12 क्विंटल हल्दी सरकार को बेची गई। अपनी हल्दी की पैदावार को बेचने वाले किसानों राजेश बलौरिया निवासी गांव सलोह, निखिल ठाकुर निवासी गांव ओधरा , करण सिंह निवासी गांव तारागढ़, शेर सिंह निवासी गांव कुठेड़ तथा मनीषा शर्मा निवासी गांव जनूही ने कहा कि हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा राज्य के किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रोत्साहित करने व उनकी आय बढ़ाने के लिए विभिन्न कृषि उत्पादों का समर्थन मूल्य दिया जाना एक प्रशंसनीय कदम है। इससे बड़ी संख्या में किसान पुनः प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए आगे आ रहे हैं तथा सरकार द्वारा दिए जा रहे समर्थन मूल्य के बदौलत उन्हें अपने घर द्वार के नजदीक ही अपनी कृषि पैदावार का सही मूल्य मिल रहा है। इससे ग्रामीण बेरोजगार युवा पीढ़ी को कृषि व्यवसाय के रूप में स्वरोजगार के नए अवसर मिल रहे हैं।
किसानों ने बताया कि उनके गांवों में अन्य किसान भी उन्हें देखकर प्राकृतिक खेती को अपना रहे हैं जिससे भविष्य में इस क्षेत्र में प्राकृतिक कृषि पैदावार में बढ़ोतरी होगी। इन संबंध में अधिक जानकारी देते हुए आत्मा परियोजना निदेशक चंबा डॉक्टर ज्योति रंजन कालिया ने बताया कि किसानों से खरीदी गई हल्दी के लिए प्रदेश सरकार की ओर से उन्हें 90 रुपए प्रति किलो की दर से समर्थन मूल्य दिया जा रहा है। इससे किसान बेहद खुश हैं तथा इसके लिए भी अन्य किसानों को भी प्रोत्साहित कर रहे हैं। डॉ. ज्योति रंजन कालिया ने बताया कि ऐसे किसान जो कि गत एक वर्ष या उससे अधिक समय से प्राकृतिक खेती से जुड़े हुए हैं व सितारा प्रमाणित है ऐसे किसानों से ही प्राकृतिक खेती से उत्पादित हल्दी की खरीद की गई है।
उन्होंने बताया कि किसानों से खरीदी गई हल्दी का लगभग आधा हिस्सा जायका प्रोजेक्ट के माध्यम से एफपीसी कंपनी भवारना को प्रोसेसिंग के लिए दिया जाएगा जबकि शेष लगभग आधे हिस्से को जिला के विभिन्न हिस्सों में प्राकृतिक खेती से जुड़े किसानों के माध्यम से प्रदर्शन प्लांट लगाए जाएंगे ताकि आने वाले वर्षों में प्राकृतिक विधि से तैयार की गई हल्दी की पैदावार को बढ़ाया जा सके। डॉ ज्योति रंजन कालिया ने कहा कि प्राकृतिक खेती व फसलों की बिक्री के संबंध में अधिक जानकारी के लिए कोई भी व्यक्ति जिला मुख्यालय में आत्मा परियोजना निदेशक कार्यालय अथवा खंड तकनीकी प्रबंधक ( बीटीएम ) और सहायक तकनीकी प्रबंधक (एटीएम) से संपर्क कर सकते हैं।