ज़िला अधिकारी स्वयं घटनास्थल पर मौजूद हालात की कर रहे निरंतर निगरानी : सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत
उत्तरकाशी में हुई बादल फटने (जिसे बाद में ग्लेशियर टूटने या ग्लेशियर झील के फटने से उत्पन्न बाढ़ के रूप में पहचाना गया) की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद हरिद्वार से सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की

न्यूज़ एजेंसी - हरिद्वार 06-08-2025
उत्तरकाशी में हुई बादल फटने (जिसे बाद में ग्लेशियर टूटने या ग्लेशियर झील के फटने से उत्पन्न बाढ़ के रूप में पहचाना गया) की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद हरिद्वार से सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है और प्रभावितों के प्रति संवेदना जताई है। उन्होंने ज़िला प्रशासन की तारीफ की, जो पूरी तत्परता से राहत एवं बचाव कार्यों में जुटा हुआ है ।
1. *प्रशासनिक प्रयास*:
ज़िला अधिकारी स्वयं घटनास्थल पर मौजूद हैं और हालात की निरंतर निगरानी कर रहे हैं। रेस्क्यू टीमों को भूस्खलन और मलबे से अवरुद्ध रास्तों के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन जेसीबी मशीनों से मलबा हटाकर रास्ते खोले जा रहे हैं ।
2. *केंद्र सरकार का समर्थन*:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने प्रभावितों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया है। सरकार की प्राथमिकता त्वरित राहत पहुँचाना और बचाव कार्यों को गति देना है ।
3. *स्थानीय मेले की भूमिका*:
घटना के समय पास में चल रहे एक स्थानीय मेले के कारण कई लोग सुरक्षित निकल पाए, जिससे हताहतों की संख्या को कम करने में मदद मिली। विशेषज्ञों ने बताया कि यह घटना बादल फटने के बजाय ग्लेशियर से जुड़ी थी ।
4. *अवसंरचना को नुकसान*:
उत्तरकाशी से गंगोत्री की ओर जाने वाली सड़क टूट गई है, जिससे यातायात प्रभावित हुआ है। हर्षिल के पास भटवाड़ी गाँव में हुए भूस्खलन ने भी राहत कार्यों में बाधा उत्पन्न की है ।
5. *भविष्य की तैयारी*:
सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं और प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सा सहायता तथा आवश्यक संसाधनों की आपूर्ति सुनिश्चित की है। इस आपदा में सामुदायिक सहयोग और सरकारी प्रयासों के समन्वय से राहत कार्यों को गति मिली है। सभी एजेंसियाँ मिलकर यह सुनिश्चित कर रही हैं कि कोई भी जरूरतमंद सहायता से वंचित न रहे।
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