प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में पर्ची बनाते समय मरीजों से वसूला जाएगा 10 रुपये का परामर्श शुल्क 

हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में पर्ची बनाते समय मरीजों से 10 रुपये का परामर्श शुल्क लिया जाएगा। सरकार के अनुसार रोगी कल्याण समिति की ओर से दी जाने वाली सेवाओं जैसे स्वच्छता, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और उपकरणों के रखरखाव को सुदृढ़ और बेहतर बनाने के लिए यह फैसला लिया

Jun 4, 2025 - 15:39
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प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में पर्ची बनाते समय मरीजों से वसूला जाएगा 10 रुपये का परामर्श शुल्क 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला    04-06-2025

हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में पर्ची बनाते समय मरीजों से 10 रुपये का परामर्श शुल्क लिया जाएगा। सरकार के अनुसार रोगी कल्याण समिति की ओर से दी जाने वाली सेवाओं जैसे स्वच्छता, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और उपकरणों के रखरखाव को सुदृढ़ और बेहतर बनाने के लिए यह फैसला लिया है। इस संबंध में सरकार की तरफ से अधिसूचना जारी कर दी गई है। 

अधिसूचना के अनुसार आरकेएस को अब आवश्यकता के आधार पर उपयोगकर्ता शुल्क लगाने के लिए अधिकृत किया है। इसके अलावा अस्पताल में पंजीकरण के समय सभी रोगियों से 10 रुपये का परामर्श शुल्क लेने का निर्णय लिया है। पहले पर्ची के नाम पर  कोई शुल्क नहीं लिया जाता था। लेकिन अब शुल्क लिए जाने से पहले की महंगाई की मार झेल रही जनता को झटका लगा है।

इसके साथ ही अस्पतालों में करवाए जाने वाले 133 विभिन्न टेस्ट भी अब मुफ्त नहीं होंगे।  सरकार ने 26 मई को जारी राज्य के सभी सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में 14 श्रेणियों को प्रदान की गई निशुल्क डायग्नोस्टिक जांच और एक्स-रे की सुविधा को वापस लेने का फैसला लिया गया है। सरकार ने 26 मई को अधिसूचना जारी कर इन श्रेणियों को निशुल्क जांच की सुविधा दी थी। अब फैसले को वापस ले लिया गया है। 

इन श्रेणियों में गंभीर बीमारियों से पीड़ित कैंसर व किडनी मरीज, गर्भवती महिलाएं, 60 साल से अधिक आयु के बुजुर्ग, टीबी मरीज, दिव्यांग, मानसिक रोगी, जेल बंदी, एनआरएचएम के लाभार्थी, निशुल्क दवा योजना के अंतर्गत आने वाले मरीज, आपदा पीड़ित, एचआईवी पॉजिटिव रोगी, बाल सुधार गृह के बच्चे, वृद्धाश्रम व अनाथालय में रहने वाले लोग शामिल थे।

हिमाचल प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में पहले पर्ची बनाने के पैसे नहीं लगते थे और मुफ्त में रजिस्ट्रेशन होता था। लेकिन प्रदेश में गंभीर आर्थिक संकट है और ऐसे में सुक्खू सरकार कई मुफ्त सेवाओं में कटौती कर रही है। बीते समय में स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल ने इस मुद्दे पर तर्क दिया था कि लोग पर्ची संभाल कर नहीं रखते हैं और ऐसे में सरकार अब शुल्क लेगी।

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