संस्थान बंद करने के बाद अब मुख्यमंत्री को चढ़ा फीता काटने और फट्टे लगवाने का भूत : जयराम ठाकुर 

शिमला से जारी बयान में पूर्व मुख्यमंत्री में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा पहले मुख्यमंत्री को पूर्व सरकार द्वारा खोले गए कार्यरत संस्थानों को बंद करने का भूत सवार

Dec 2, 2024 - 19:15
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संस्थान बंद करने के बाद अब मुख्यमंत्री को चढ़ा फीता काटने और फट्टे लगवाने का भूत : जयराम ठाकुर 

जो काम दो साल पहले शुरू होना था, उसका सिर्फ फीता काट रहे मुख्यमंत्री

बने-बनाए ट्रामा सेंटर समेत अन्य संस्थानों का भी बार बार काट चुके हैं फीता

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला    02-12-2024

शिमला से जारी बयान में पूर्व मुख्यमंत्री में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा पहले मुख्यमंत्री को पूर्व सरकार द्वारा खोले गए कार्यरत संस्थानों को बंद करने का भूत सवार था। अब मुख्यमंत्री को पहले से लोकार्पित हो चुके या शिलान्यास किए जा चुके परियोजनाओं के फीते बार-बार काटने का भूत सवार हुआ है। 

ऐसा प्रदेश में पहली बार हो रहा है जब सरकार किसी भी प्रोजेक्ट में बिना एक पैसे का योगदान किए बार-बार सिर्फ शिलान्यास, भूमिपूजन, लोकार्पण और फंक्शनल होने के नाम पर फीता काटे और आम आदमी के टैक्स के लाखों रुपए बर्बाद करे। लेकिन इस सरकार में ऐसा हो रहा है। एक बार पिता काटकर सरकार का मन नहीं भरता है तो सरकार कोई न कोई तरीका खोज कर दूसरी बार उसका फीता काटती है और अपने नाम के फट्टे लगवाती है। 

आईजीएमसी का ट्रामा सेंटर भी इसका एक उदाहरण है जहां पर सरकार ने एक पाई नहीं लगाई लेकिन कभी भवन के लोकार्पण के नाम पर फीता काटा तो कभी ट्रॉमा सेंटर के फंक्शनल होने के नाम पर फीता काटा। सबसे हास्यास्पद बात यह है कि बिना फंक्शनल हुए ही ट्रॉमा सेंटर में पैरामेडिकल, सिक्योरिटी और सैनिटेशनल स्टॉफ की नियुक्ति करके करोड़ों का घोटाला किया गया। 

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि आज मुख्यमंत्री द्वारा पूर्व सरकार के समय शिलान्यास की जा चुकी सब्जी मंडी के विस्तारीकरण का फिर से फीता काट रहे हैं। उन्होंने कहा इस मंडी के विस्तारीकरण का शिलान्यास करने के साथ-साथ हमारी सरकार द्वारा इसकी डीपीआर तैयार की गई थी, एनजीटी द्वारा छूट दिलवाई गई थी। 

एनजीटी से छूट मिलने के बाद प्रोजेक्ट को तकनीकी स्वीकृति के लिए भेज दी गई थी। इसके बाद आचार संहिता लगने की वजह से काम वहीं रुक गया। सरकार में आने के बाद मुख्यमंत्री को एक काम प्राथमिकता के आधार पर शुरू करवाना था क्योंकि इसके लिए किसी प्रकार की कोई अड़चन शेष नहीं रह गईथी। लेकिन 2 साल बीतने के बाद सरकार को इस मंडी की याद आई। इसके बाद भी सिर्फ झूठ और झूठ बोले जा रहे हैं। 

पूर्व सरकार द्वारा सारा काम किया गया सारे बजट का प्रावधान किया गया लेकिन मुख्यमंत्री द्वारा एक बार भी इस बात का जिक्र तक नहीं किया गया। 100 करोड़ की लागत से पराला का प्रोसेसिंग प्लांट हमारी सरकार ने बना दिया था। सिर्फ पानी का कनेक्शन लगवा कर मुख्यमंत्री ने फीता काटा है। इसके बाद पूर्व सरकार के योगदान का जिक्र तक नहीं किया। 

पराला में 60 करोड़ से 5400 मीट्रिक टन क्षमता का सीएस स्टोर का टेंडर हमने करवा कर काम शुरू करवा दिया था। उसे सरकार समय से पूरा नहीं करवा पा रही है। अगर यह समय से पूरा हो जाता तो लोगों को बहुत फायदा होता।

पराला मंडी अतिरिक्त भवन का निर्माण का काम 10 करोड़ से हमारी सरकार ने करवाया था। उसका दो साल से उद्घाटन नहीं करवा पा रही हैं। 20 करोड़ से हमने रोहडू की मेहंदली मंडी के निर्माण का कार्य हमने शुरू कराया था जो भी तक पूरा नहीं हो पाया। शिलारू में 20 करोड़ की लागत से मंडी  के निर्माण का 90% का। हमारी सरकार में हो गया था 10 फीसद काम सरकार  2 साल में नहीं करवा पाई।

सुक्खू सरकार हिमाचल प्रदेश में किसी भी नई मंडी का काम नहीं शुरू कर पाए।  भाजपा के समय बने भवनों के फीते काट रहे हैं। सरकार मंडियों में 2 साल से सफेदी भी नहीं करवा पाई हैं। लेकिन पूर्व सरकार द्वारा करवाएंगे कार्यों का श्रेय लेने और झूठ बोलते के मामले में मुख्यमंत्री और सरकार के लोग सबसे आगे रहते हैं।

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