देश में इस राज्य की सरकार ने गाय को दिया राज्यमाता का दर्जा , कैबिनेट की बैठक में लिया फैसला लिया

विधानसभा चुनावों से पहले शिंदे सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए गाय को राज्यमाता का दर्जा दिया है। शिंदे सरकार ने सोमवार को हुई कैबिनेट के बैठक में यह फैसला लिया है। सरकार के मुताबिक वैदिक काल से भारतीय संस्कृति में देशी गाय की स्थिति, मानव आहार में देशी गाय के दूध की उपयोगिता , आयुर्वेद चिकित्सा, पंचगव्य उपचार पद्धति तथा जैविक कृषि प्रणालियों में देशी गाय के गोबर एवं गोमूत्र के महत्वपूर्ण स्थान को ध्यान में रखते हुए , यह देशी गायों को अब से राज्यमाता गोमाता घोषित करने की मंजूरी दी गई

Sep 30, 2024 - 18:53
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देश में इस राज्य की सरकार ने गाय को दिया राज्यमाता का दर्जा , कैबिनेट की बैठक में लिया फैसला लिया
 
न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली  30-09-2024
विधानसभा चुनावों से पहले शिंदे सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए गाय को राज्यमाता का दर्जा दिया है। शिंदे सरकार ने सोमवार को हुई कैबिनेट के बैठक में यह फैसला लिया है। सरकार के मुताबिक वैदिक काल से भारतीय संस्कृति में देशी गाय की स्थिति, मानव आहार में देशी गाय के दूध की उपयोगिता , आयुर्वेद चिकित्सा, पंचगव्य उपचार पद्धति तथा जैविक कृषि प्रणालियों में देशी गाय के गोबर एवं गोमूत्र के महत्वपूर्ण स्थान को ध्यान में रखते हुए , यह देशी गायों को अब से राज्यमाता गोमाता घोषित करने की मंजूरी दी गई। 
बता दें कि महाराष्ट्र गाय को राज्यमाता का दर्जा देने वाला देश का दूसरा राज्य बन गया है। इससे पहले उत्तराखंड सरकार ने 19 सितंबर 2018 को गाय को राज्यमाता का दर्जा दिया था। सरकार ने इस संबंध में एक संकल्प पारित किया, जिसमें गाय को राष्ट्रमाता का दर्जा देने की मांग की गई थई। यह संकल्प सर्वसम्मति से पारित हुआ और इसे केंद्र सरकार को भेजा गया। वहीं, अब शिंदे सरकार ने भी गाय को राज्यमाता का दर्जा दिया है। 
हिंदू धर्म में गाय को विशेष स्थान प्राप्त है। इसे ‘गौमाता’ का दर्जा दिया गया है और धार्मिक अनुष्ठानों में इसकी पूजा की जाती है। गोमूत्र और गोबर को पवित्र माना जाता है, और विभिन्न धार्मिक कार्यों में इनका उपयोग होता है। गाय का दूध न केवल शारीरिक रूप से लाभकारी होता है, बल्कि इसे आध्यात्मिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जाता है।

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