धारा 118 को कमजोर करके हिमाचल ऑन सेल के मिशन पर चली है सरकार : जयराम ठाकुर

विधानसभा सत्र के दौरान मीडिया के प्रतिनिधियों से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने पहले दिन से ही "हिमाचल ऑन सेल" की योजना चलाई हुई है। मुख्यमंत्री कई बार सार्वजनिक बयानों में इस बात का जिक्र भी कर चुके हैं और उनके फैसलों में भी हिमाचल के हितों की बेचने की बात बार-बार सामने आई है। विधानसभा में धारा 118 को लेकर जो संशोधन लाया गया है वह हिमाचल प्रदेश के हितों को बेचने की एक साजिश है

Dec 3, 2025 - 19:07
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धारा 118 को कमजोर करके हिमाचल ऑन सेल के मिशन पर चली है सरकार : जयराम ठाकुर

यंगवार्ता न्यूज़ - धर्मशाला  03-12-2025
विधानसभा सत्र के दौरान मीडिया के प्रतिनिधियों से बात करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार ने पहले दिन से ही "हिमाचल ऑन सेल" की योजना चलाई हुई है। मुख्यमंत्री कई बार सार्वजनिक बयानों में इस बात का जिक्र भी कर चुके हैं और उनके फैसलों में भी हिमाचल के हितों की बेचने की बात बार-बार सामने आई है। विधानसभा में धारा 118 को लेकर जो संशोधन लाया गया है वह हिमाचल प्रदेश के हितों को बेचने की एक साजिश है। हम पहले दिन से कह रहे हैं सरकार की मित्र मंडली में बहुत सारे ऐसे लोग हैं जो देश भर में घूम-घूम कर धारा 118 में छूट दिलवाने का ठेका लेते फिर रहे हैं। मीडिया के माध्यम से भी ऐसी कई बार बातें सामने आई हैं। जो धारा 118 में छूट दिलाने के नाम पर पैसे इकट्ठे करते देखे गए। अब सरकार ऐसा सिस्टम बनाने में लगी है जो लोगों को हिमाचल में जमीन ने खरीदने का रास्ता निकाल सके। 
सरकार हर तरीके से हिमाचल प्रदेश के हितों को बेचने पर आमादा है। लेकिन जो लोग पिछली सरकार में 118 को छूने पर हाथ जल जाने और हाथ कट जाने की धमकी दे रहे हैं, वह नेता कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। सुखविंदर सिंह सुक्खू हिमाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री हैं इन्होंने सत्ता में आते ही प्रदेश में सुविधाओं को छीनने और संसाधनों को बेचने में ही रुचि दिखा रहे हैं और लगातार उसी काम में लगे हुए हैं। जय राम ठाकुर ने कहा कि 5 लाख सरकारी नौकरी और ठूंजा साल वाली पक्की नौकरी की गारंटी देकर जो सत्ता में आए थे वह 3 साल का कार्यकाल बीत जाने के बाद भी इस बात का हिसाब नहीं दे पा रहे हैं कि उन्होंने अब तक कितनी नौकरियां दी हैं। विधानसभा में 2 साल से विपक्ष लगातार यह पूछ रहा है कि व्यवस्था परिवर्तन वाली सुख की सरकार ने प्रदेश के युवाओं को कितनी नौकरियां दी हैं? कितनी परीक्षाएं कराई हैं? किस विभाग में कितनी नौकरियां दी है ? सरकार हर बार विधानसभा को गुमराह करते हुए एक ही जवाब देती है की सूचना अभी भी एकत्र की जा रही है। यह सरकार ने एक भी नौकरी नहीं दी है तो किस मुंह से नौकरियों की जानकारी देगी। 
सरकार हर मोर्चे पर फेल है और झूठ बोलकर मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी बचा रहे हैं लेकिन इनका झूठ ज्यादा दिन तक चलने वाला नहीं है। भारतीय जनता पार्टी के आक्रोश रैली को लेकर पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हमारे पास जोरावर स्टेडियम में रैली करने की परमिशन है और हम वहीं रैली करेंगे सरकार ने अगर उसमें किसी भी प्रकार से बाधा पहुंचाने की कोशिश की तो हम विधानसभा के अंदर भी रैली करेंगे। सरकार की नाकामी से प्रदेश का हर वर्ग निराश है, हताशा से सड़कों पर है। पूरा प्रदेश सरकार की नाकामी के खिलाफ हमारा समर्थन कर रहा है। जो जहां है, जैसे है सभी प्रदेशवासियों का समर्थन भारतीय जनता पार्टी की इस रैली के साथ है। 5 साल तक हमने भी सरकार चलाई विपक्ष में कांग्रेस ने जब भी, जहां भी, जैसे भी किसी भी प्रकार के विरोध प्रदर्शन की परमिशन मांगी हमने बिना किसी व्यवधान के उन्हें दी है। हमने मुख्यमंत्री को बता दिया है कि हमारी रैली में बाधा डालने का प्रयास उचित नहीं होगा। 
इसलिए सरकार हमारे लोकतांत्रिक अधिकार को प्रभावित कोशिश करने की न करे तो बेहतर रहेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि जॉब ट्रेनी योजना प्रदेश के युवाओं के साथ बहुत बड़ा धोखा है इसलिए सरकार उसे जस्टिफाई करने की बजाय उसे वापस ले। मीडिया के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि छात्र अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शन करना उनका लोकतांत्रिक अधिकार है और सरकार को उनकी बातें सुननी चाहिए। लेकिन छात्रों पर इस प्रकार से बल प्रयोग लोकतंत्र के खिलाफ है। सरकार को तानाशाही से बाज जाना चाहिए और हर प्रदेशवासी के लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए। शांतिपूर्ण और मांगों को लेकर किए जा रहे प्रदर्शन पर बल प्रयोग लोकतंत्र नहीं तानाशाही है। इतिहास ने देखा है हर तानाशाही का अंजाम बुरा हुआ है। 
अगर सरकार छात्रों के लोकतांत्रिक हकों को कुचलने का प्रयास करेगी तो उसका अंजाम भी  भुगतेगी। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि विश्व दिव्यांग दिवस के दिन दिव्यांगजनों के सशक्तिकरण और उनके लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार को अतिरिक्त प्रयास करने चाहिए लेकिन सरकार द्वारा आज दिव्यांग जनों द्वारा निकाली गई रैली पर बल प्रयोग किया गया। पहले भी उनके प्रदर्शनों पर पुलिस द्वारा बल प्रयोग के मामले सामने आए हैं। मुख्यमंत्री को उनकी बातों को कम से कम गंभीरता पूर्वक सुनना चाहिए।

  

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