हिमाचल प्रदेश के दो औद्योगिक और तीन पर्यटन जिलों ने कारोबार में पकड़ी रफ्तार
हिमाचल प्रदेश के दो औद्योगिक और तीन पर्यटन जिलों ने कारोबार में रफ्तार पकड़ी है। वित्त वर्ष 2024-25 में सोलन, सिरमौर, शिमला, कुल्लू और किन्नौर जिला में ऋण-जमा अनुपात 40 फीसदी से अधिक रहा। 2023-24 के मुकाबले में इन जिलों से दो से तीन फीसदी की सीडीआर में बढ़ोतरी दर्ज

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 29-06-2025
हिमाचल प्रदेश के दो औद्योगिक और तीन पर्यटन जिलों ने कारोबार में रफ्तार पकड़ी है। वित्त वर्ष 2024-25 में सोलन, सिरमौर, शिमला, कुल्लू और किन्नौर जिला में ऋण-जमा अनुपात 40 फीसदी से अधिक रहा। 2023-24 के मुकाबले में इन जिलों से दो से तीन फीसदी की सीडीआर में बढ़ोतरी दर्ज हुई।
शेष सात जिलों में बैंकों से उधार लेने में हिमाचली कतरा रहे हैं। इन जिलों में ऋण जमा अनुपात 33 फीसदी से भी कम है। प्रदेश के लोग जितनी धनराशि बैंकों में जमा कर रहे हैं, उसके अनुपात में ऋण नहीं ले रहे हैं।
राज्य के सात जिलों के लोग ऋण लेने के मामले में काफी पीछे हैं। इन जिलों में लोगों का 50 से 60 फीसदी पैसा बैंकों में ही जमा रह जाता है। वह उसका इस्तेमाल अपने स्वरोजगार, कारोबार, सुविधाएं और संसाधन जुटाने में नहीं कर रहे। औद्योगिक जिला सोलन और सिरमौर के बैंकों का प्रदर्शन सीडी रेशाे में सबसे बेहतर है।
सोलन जिला में सीडी रेशो 82.31 और सिरमौर में 78.11 फीसदी है। सात जिलों बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, लाहौल-स्पीति, मंडी और ऊना में ऋण जमा अनुपात 33 फीसदी से कम है। इससे सरकार भी चिंतित है।
वित्त विभाग ने कम सीडी अनुपात के कारणों की पहचान करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके लिए जिला स्तर पर विशेष सब कमेटियों बनाने को कहा है। सीडी रेशो दर्शाता है कि बैंकों ने निर्धारित जमा धनराशियों में से कितना उधार दिया है।
राज्य के सात जिलों के लोग ऋण लेने के मामले में काफी पीछे हैं। इन जिलों में लोगों का 50 से 60 फीसदी पैसा बैंकों में ही जमा रह जाता है। वह उसका इस्तेमाल अपने स्वरोजगार, कारोबार, सुविधाएं और संसाधन जुटाने में नहीं कर रहे। औद्योगिक जिला सोलन और सिरमौर के बैंकों का प्रदर्शन सीडी रेशाे में सबसे बेहतर है।
सोलन जिला में सीडी रेशो 82.31 और सिरमौर में 78.11 फीसदी है। सात जिलों बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, लाहौल-स्पीति, मंडी और ऊना में ऋण जमा अनुपात 33 फीसदी से कम है। इससे सरकार भी चिंतित है।
वित्त विभाग ने कम सीडी अनुपात के कारणों की पहचान करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके लिए जिला स्तर पर विशेष सब कमेटियों बनाने को कहा है। सीडी रेशो दर्शाता है कि बैंकों ने निर्धारित जमा धनराशियों में से कितना उधार दिया है।
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