राष्ट्रीय महत्व के दिनों पर सरकार नई योजनाएं घोषित करती है संस्थान बंद या शिफ्ट करने की नहीं : जयराम ठाकुर

पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर मंडी स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में ध्वजारोहण कर छात्रों के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया। दौरान उन्होंने देश की आजादी के लिए कुर्बानी देने वाले अनगिनत नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित कर उनके योगदान को याद किया। उन्होंने छात्रों से भी अपील करते हुए कहा कि हमारा अगला लक्ष्य विकसित भारत और समृद्ध भारत है और इसके लिए हमें अब जी जान से जुटना है।

Aug 16, 2025 - 19:08
Aug 16, 2025 - 19:41
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राष्ट्रीय महत्व के दिनों पर सरकार नई योजनाएं घोषित करती है संस्थान बंद या शिफ्ट करने की नहीं : जयराम ठाकुर
यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी  16-08-2025
पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने स्वतंत्रता दिवस के शुभ अवसर पर मंडी स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में ध्वजारोहण कर छात्रों के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया। दौरान उन्होंने देश की आजादी के लिए कुर्बानी देने वाले अनगिनत नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित कर उनके योगदान को याद किया। उन्होंने छात्रों से भी अपील करते हुए कहा कि हमारा अगला लक्ष्य विकसित भारत और समृद्ध भारत है और इसके लिए हमें अब जी जान से जुटना है। आत्मनिर्भरता ही पूर्ण स्वतंत्रता है। यह दशक, यह सदी भारत की है, भारतीयों की है। भारत और भारतीयों द्वारा निर्मित उत्पादों की है। उन्होंने कहा की देश की आशा और अभिलाषा युवाओं से ही है और उन्हें ही यह पूरा करना है। जयराम ठाकुर ने कहा कि यूं तो देशभर की सरकारें राष्ट्रीय महत्व के दिनों प्रमुख योजनाओं , सुविधाओं , राष्ट्रीय और प्रादेशिक महत्व के संस्थान खोलने , उनके उन्नयन से संबंधित घोषणाएं करने का हो चलन रहा है लेकिन प्रदेश में चल रही व्यवस्था परिवर्तन की सरकार अलग रास्ते पर चल रही है। 
यह सरकार लोगों को नया देने की बजाय जो मिला हुआ है उसे कैसे छीने, कैसे लटकाए और भटकाएं इस नीति पर काम करती है। ताजा मामला भी मुख्यमंत्री की इसी संकीर्ण सोच का परिणाम है, मुख्यमंत्री प्रदेश को कुछ बेहतर देने की बजाय उलझाने में यकीन रखते हैं। जयराम ठाकुर ने 16 अगस्त को आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर उनका हाल-चाल जाना और उन्हें लोगों द्वारा भेजी गई आपदा राहत सामग्री एवं धनराशि का वितरण किया। इस दौरान उन्होंने देयोल , शिल्लीबागी , जैंशला , शिव थाना , भाटकीधार गांव के 18 प्रभावित परिवारों को 25–25 हजार रुपए प्रदान किए।  इस दौरान उन्होंने आपदा प्रभावितों को सरकार द्वारा की जा रही उपेक्षा पर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि जिनका सब कुछ चला गया है सरकार अब तक उन्हें ढाई हजार, पांच रुपए देकर तसल्ली देना चाहती है। यह कहां की मानवीयता है? मंत्री यहां आते हैं और फौरी राहत देने की बजाय एफआईआर करवाकर चले जाते हैं। सरकार का इससे संवेदनहीन चेहरा हो ही नहीं सकता। उन्होंने कहा कि सरकार आपदा प्रभावितों को 07 लाख  रुपए देने की घोषणा करके खामोश बैठ गई। जबकि उसे सात लाख में से साढ़े चार लाख रुपए सीधे-सीधे केंद्र द्वारा दिए जाते हैं। 
लोगों के घर पूरी तरीके से जर्जर हो चुके हैं अंदर जाने लायक नहीं हैं, लेकिन उन घरों के क्षतिग्रस्त होने की रिपोर्ट नहीं लगाई जा रही है। सरकार क्या चाहती है? जो लोग त्रासदी में बच गए क्या वह लोग सरकार की नाकामी का शिकार हो जाए। मुख्यमंत्री से मेरा सिर्फ इतना आग्रह है कि मेहरबानी करके आपदा प्रभावितों के साथ झूठ न बोले। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सोलन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान  हुए वाकए पर उन्होंने कहा कि हमने सरकार को पहले दिन से ही बता दिया था कि आने वाला समय आपके लिए कितना मुश्किल है। जिस तरीके से झूठी गारंटियों के दम पर आपने सत्ता हथिया ली, जनादेश की चोरी की और उसके बाद अपनी गारंटियों से ही साफ-साफ मुकर गए। प्रदेश के लोग आपको नहीं छोड़ेंगे और लोगों के बीच सरकार का उठना बैठना मुश्किल होजाएगा। सबसे बड़ी हैरानी की बात यह है कि इस सरकार से सिर्फ आम लोग ही नहीं त्रस्त हैं, बड़े से बड़े लोगों को भी सरकार ने नहीं छोड़ा है। सरकार अपनी तानाशाही को छोड़े और जनहित पर ध्यान केंद्रित करें। अपनी गारंटियों से मुकरने पर ही प्रदेश के लोग सरकार को छोड़ने वाले नहीं हैं

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