यंगवार्ता न्यूज़ - सोलन 13-10-2025
हिमाचल प्रदेश उद्योग विभाग कि ओर से ज़िला के सोलन में रेजिंग एंड एक्सेलेरेटिंग एमएसएमई परफॉरमेंस (RAMP) योजना के तहत जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में सूक्ष्म , लघु और मध्यम उद्यम (MSME) क्षेत्र की प्रगति , नवाचार और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने में सूक्ष्म , लघु और मध्यम उद्यम प्रदर्शन को उन्नत एवं तीव्र करने का कार्यक्रम रैंप (RAMP)' योजना की भूमिका पर चर्चा की गई। योजना के बारे में जानकारी देते हुए महाप्रबंधक, उद्योग विभाग सोलन सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि उद्योग विभाग की ओर से केंद्र की रैंप योजना के में छोटे उद्यमियों के लिए क्लस्टर योजना के तहत क्लस्टर बनाये जा रहे हैं। उन्होंने ने बताया कि विश्व बैंक द्वारा संचालित यह योजना एमएसएमई मंत्रालय की सबसे महत्वपूर्ण सुधार आधारित पहल है।
इसके साथ ही गिफ्ट और स्पाइस योजना के बारे में भी प्रतिभागियों को जानकारी दी गयी। इस कार्यशाला में अशोक कुमार गौतम, डेवलपमेंट एंड फेसिलिटेशन ऑफिसर भारत सरकार(डीएफओ ने भारत सरकार की ओर से एमएसएमई के विकास के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी। उन्होंने बताया कि कैसे उद्यम पंजीकरण करवाया जा सकता है। रैंप योजना का उद्देश्य एमएसएमई क्षेत्र की वित्तीय स्थिरता, तकनीकी सशक्तिकरण और बाज़ार पहुँच को बढ़ाना है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि कैसे केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ प्रदेश सरकार के माध्यम से सभी उद्यमी उठा सकते हैं। इस कार्यशाला में गगन कुमार, ईकोनॉमिक इन्वेस्टीगेटर,ज़िला उद्योग केंद्र सोलन , सुनील कौशिक , एक्सटेंशन ऑफिसर डीआईसी सोलन और विनोद कुमार , कुनिहार सोलन एक्सटेंशन ऑफिसर विनोद कुमार और भी विशेष तौर पर उपस्थित रहे।
उद्योग विभाग विशेषज्ञों ने कहा कि यह योजना हिमाचल जैसे पर्वतीय राज्यों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है, क्योंकि यह सीमित ऋण प्रवाह, बाज़ार पहुँच और कम औपचारिकरण जैसी चुनौतियों का समाधान करते हुए नवाचार, डिजिटलीकरण और सतत औद्योगिक विकास को बढ़ावा देती है। योजना के बारे में जानकारी देते हुए विवेक तिवारी ने बताया कि क्लस्टर प्रणाली के तहत उद्योग को उच्च तकनीक, मशीनरी और उपकरण क्लस्टर स्तर पर उपलब्ध कराए जाएंगे , जो क्लस्टर विकास कार्यक्रम (MSE-CDP) के अंतर्गत प्रदान किए जा रहे हैं। इस दौरान एमएसएमई हरितीकरण पहल की जानकारी दी गयी और इसके माध्यम से पर्यावरण अनुकूल प्रथाओं को अपनाने और प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ाने के महत्व पर प्रकाश डाला।
कार्यशाला के दौरान “कॉमन फैसिलिटी सेंटर (CFC) की भूमिका पर भी चर्चा की गई, जो सूक्ष्म उद्यमों की गुणवत्ता, प्रतिस्पर्धा एवं विकास को सुदृढ़ बनाने में सहायक सिद्ध होंगे। इस अवसर पर कॉमन फैसिलिटी सेंटर के माध्यम से स्थानीय उद्योगों की चुनौतियों एवं अवसरों पर विस्तार पूर्वक विचार-विमर्श किया गया। इस कार्यशाला में लगभग 100 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इसमें एमएसएमई से जुड़े कारीगर समूहों के प्रतिनिधि, पर्यटन क्षेत्र के प्रतिभागी, एफपीओ/एफपीसी सदस्य एवं नवोदित उद्यमी शामिल थे। इसके साथ ही ज़िला सोलन रैंप टीम के सभी सदस्यों भी कार्यशाला में उपस्थित रहे।