विधवा बहू के पुनर्विवाह पर बेटे के माता-पिता को पारिवारिक पेंशन का हाईकोर्ट ने दिया हकदार करार  

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए विधवा बहू के पुनर्विवाह पर बेटे के माता-पिता को पारिवारिक पेंशन का हकदार करार दिया है। हाईकोर्ट ने विधवा बहू की दूसरी शादी होने पर सास-ससुर की ओर से 24 साल बाद फैमिली पेंशन के लिए दायर याचिका को स्वीकार

Jun 18, 2025 - 13:59
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विधवा बहू के पुनर्विवाह पर बेटे के माता-पिता को पारिवारिक पेंशन का हाईकोर्ट ने दिया हकदार करार  

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला     18-06-2025

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए विधवा बहू के पुनर्विवाह पर बेटे के माता-पिता को पारिवारिक पेंशन का हकदार करार दिया है। हाईकोर्ट ने विधवा बहू की दूसरी शादी होने पर सास-ससुर की ओर से 24 साल बाद फैमिली पेंशन के लिए दायर याचिका को स्वीकार कर लिया है। 

न्यायाधीश संदीप शर्मा की अदालत ने 17 अगस्त, 1999 के केंद्र सरकार के उस आदेश को रद्द कर दिया, जिसके तहत याचिकाकर्ताओं की फैमिली पेंशन की मांग को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने प्रतिवादियों को छह सप्ताह के भीतर याचिकाकर्ता को फैमिली पेंशन की मांग पर विचार करने और नियम 50 के खंड 10 के अनुसार निर्णय लेने का निर्देश दिया है।

हाईकोर्ट के आदेशों की अनुपालना के लिए मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी। अदालत ने प्रतिवादियों की ओर से याचिका को दायर करने में 24 साल की देरी के तर्क को भी खारिज कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में, जहां कोई व्यक्ति लगातार नुकसान झेल रहा हो, न्याय के हित में देरी को नजरअंदाज किया जा सकता है। 

हालांकि, बकाया पेंशन का भुगतान याचिका दायर करने से तीन साल पहले तक ही सीमित रहेगा। याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि सीसीएस पेंशन नियम 50 के तहत, यदि विधवा दूसरी शादी करती है तो उसे फैमिली पेंशन नहीं दी जा सकती। माता-पिता ही पेंशन के हकदार होते हैं, बशर्ते कि वे मृत कर्मचारी पर निर्भर हों।

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