यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 11-07-2024
नेता प्रतिपक्ष ने शिमला से जारी प्रेस वक्तव्य में कहा कि सेब के सीजन की शुरुआत हो गई है। भाजपा की सरकार में ही बागवानों के लिए यूनिवर्सल कॉर्टन में सेब बेचे की पहल की गई थी। कांग्रेस की सुक्खू सरकार ने बिना पूरी तैयारी के यूनिवर्सल कार्टन को सरकार ने सेब खरीद में अनिवार्य कर दिया। सभी बागवानों के पास हजारों की संख्या में टेलीस्कोपिक कार्टन पहले से पड़े हुए हैं, जिनकी कीमत लाखों में हैं। सरकार टेलीस्कोपिक कार्टन को बागवानों से उचित मुआवजा देकर वापस ले। जिससे बागवानों को सेब के सीजन की शुरुआत में ही राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार ने जल्दबाजी में सेब का सीजन शुरू होने के ठीक पहले यूनिवर्सल कार्टन को अनिवार्य कर दिया।
जबकि अर्ली सीजन से जुड़े बागवानों ने टेलीस्कोपिक कार्टन की व्यवस्था पहले से कर ली थी। अब बागवानों को यूनिवर्सल कार्टन भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जिससे वह पाएँ उत्पाद को मंडियों में ले जा सके। यदि वह टेलीस्कोपिक कार्टन में ले जाते हैं तो आढ़ती उसे खरीदने से मना कर दे रहे हैं, जिसके कारण एक तरफ़ उनका नहीं बिक पा रहा दूसरी तरह मंडी से वापस लाने का अतिरिक्त खर्च भी हो रहा है। न नियम स्पष्ट हैं और न ही कोई अन्य व्यवस्था। कॉर्टन न होने के कारण बाग़बान और आढ़ती दोनों परेशान हैं और सरकार ने नियम लाकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है। सरकार उच्च गुणवत्ता युक्त यूनिवर्सल कार्टन उचित क़ीमत पर उपलब्ध करवाए। जयराम ठाकुर ने कहा कि बागवानों के साथ कांग्रेस का रवैया हमेशा से ही दुर्भाग्यपूर्ण रहा है।
पिछले सीजन में भी सरकार ने वजन के हिसाब से खरीद करने के नियम बना दिए लेकिन मंडियों में सेब का वजन करने के लिए तौल मशीन तक की व्यवस्था नहीं करवा पाए। जिसके कारण बागवानों और आढ़तियों को समस्याएं हुई और हालात ऐसे पैदा हुए कि आढ़तियों ने सेब लेने से ही मना कर दिया। बागवान किराए की गाड़ियां लेकर मंडियों में परेशान होते रहे और सरकार बयानबाज़ी करती रही। सरकार कोई भी निर्णय करने के पहले, उसके निर्बाध क्रियान्वित करने में आने वाली अड़चनों से निपटने की तैयारी नहीं करती। इसका सिर्फ़ एक कारण है कि सरकार बिना सोचे समझे, बिना तैयारी के नियम बनाती है। उन्होंने कहा कि सरकार, कांग्रेस द्वारा चुनाव में बागवानों को दी गई गारंटी पर बात नहीं करती हैं।
सरकार कब बागवानों द्वारा अपने उत्पाद का मूल्य ख़ुद तय करने की गारंटी पूरा कर रही है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोप और इनकम टैक्स और ईडी की राडार में आये कारोबारियों से मुख्यमंत्री के संबंधों पर प्रदेश के लोग मुख्यमंत्री की ख़ामोश के बजाय उनके जवाब मांग रहे हैं। इस तरह के भ्रष्टाचार के आरोप लगाना चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में विकास के कामों पर पूरी तरह विराम लगा चुकी है लेकिन नियमित रूप से कर्ज लेकर ही सरकार चला रही है। इस महीने फिर से सरकार ने क़र्ज़ के लिए आवेदन कर दिया है। प्रदेश के मुखिया को यह भी बताना चाहिए कि विकास के एक भी काम न करने के बाद भी सरकार द्वारा कर्ज क्यों लिया जा रहा है।