भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लोकल कमेटी का आठवां सम्मेलन कालीबाड़ी हॉल शिमला में संपन्न 

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लोकल कमेटी शिमला का आठवां सम्मेलन कालीबाड़ी हॉल शिमला में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन में खुले सत्र के साथ सम्मेलन की शुरुआत हुई। सम्मेलन में सौ से ज्यादा पार्टी सदस्यों ने भाग लिया

Oct 25, 2024 - 02:07
Oct 25, 2024 - 02:27
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भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लोकल कमेटी का आठवां सम्मेलन कालीबाड़ी हॉल शिमला में संपन्न 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला     24-10-2024

भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी लोकल कमेटी शिमला का आठवां सम्मेलन कालीबाड़ी हॉल शिमला में सम्पन्न हुआ। सम्मेलन में खुले सत्र के साथ सम्मेलन की शुरुआत हुई। सम्मेलन में सौ से ज्यादा पार्टी सदस्यों ने भाग लिया। 

सम्मेलन में तीन रिक्त पदों के साथ सत्रह सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया। कॉमरेड जगत राम को सचिव, कॉमरेड बालक राम, महेश वर्मा, अशोक वर्मा, सोनिया, कमल, प्रताप, विक्रम, हेमराज चौधरी, डॉ विजय कौशल, अंकुश, रितेश, सन्नी व हितेंद्र को सदस्य चुना गया। 

सम्मेलन का उद्घाटन पार्टी राज्य सचिव डॉ ओंकार शाद ने किया। सम्मेलन को पार्टी राज्य सचिवमंडल सदस्य श्री राकेश सिंघा ने शुभकामनाएं दीं। सम्मेलन में डॉ कुलदीप तंवर, संजय चौहान, विजेंद्र मेहरा, फालमा  चौहान, जगमोहन ठाकुर, राम सिंह आदि राज्य कमेटी सदस्य मौजूद रहे। 

वक्ताओं ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि वर्ष 2014 से जब से केंद्र में भाजपा सरकार सत्ता में आई है तब से इस सरकार ने मेहनतकश जनता के अधिकारों को छीनने का ही काम किया है।  किसानों व आम जनता को मिलने वाली सब्सिडी को खत्म किया गया है। 

पिछले सौ वर्षों में मजदूरों के हक में जो चौबालीस श्रम कानून बने थे, उन कानूनों को खत्म करके मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं मे बदल दिया गया है। केंद्र की मोदी सरकार की नीतियों के कारण देश में भयंकर बेरोजगारी बढ़ी है। किसानों की आत्महत्याएं बढ़ी हैं। कृषि संकट गहरा हुआ है। मजदूरों, किसानों, महिलाओं, छात्रों, नौज9+++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++66666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666666वानों, दलितों, आदिवासियों व अल्पसंख्यकों पर शोषण व अत्याचार बढ़ा है। 

देश में गरीबों की लूट व अमीरों को छूट की नीति को आगे बढ़ाने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने कॉरपोरेट सांप्रदायिक गठजोड़ की नीति को आगे बढ़ाया है। आरएसएस व भाजपा ने पिछले दस वर्षों में संविधान के मूल ढांचे को नष्ट करने की हर संभव कोशिश की है। मोदी सरकार की नीतियों के कारण देश में अमीरी गरीबी में खाई गहरी हुई है। 

एक ओर दुनिया में सबसे तेजी से सबसे ज्यादा नए खरबपति भारत में पनपे हैं और दूसरी ओर देश में गरीबी व भुखमरी तेजी से बढ़ी है। ग्लोबल हंगर इंडेक्स व मानव सूचकांक में भारत की स्थिति दुनिया में दयनीय हुई है। देश में कर्मचारियों व मजदूरों के अधिकारों पर भारी कुठाराघात हुआ है। किसानों की स्थिति बिगड़ी है। 

स्थाई रोजगार की जगह कच्चे रोजगार ने ले ली है। मोदी सरकार की नीतियों से देश में मंहगाई, बेरोजगारी व आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की कॉंग्रेस सरकार भी प्रदेश में मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों को ही लागू कर रही है व आम जनता पर आर्थिक बोझ डाल रही है। प्रदेश में जिस तरह से स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य शुरू किया जा रहा है उस से आम जनता पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। 

प्रदेश में युवाओं की रोजगार परीक्षाओं के नतीजे घोषित नहीं किए जा रहे हैं। शिमला में सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने के कार्य को आरएसएस व भाजपा से संबंधित कुछ सनातनी संगठनों ने अमलीजामा पहनाया परंतु इस पूरे घटनाक्रम में कांग्रेस पार्टी के नेता भी बेनकाब हुए हैं। इस घटनाक्रम से इन दोनों पार्टियों का जनता में पर्दाफाश हुआ है व जनता के समक्ष केवल सीपीआईएम ही एकमात्र विकल्प है।

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