यंगवार्ता न्यूज़ - शिलाई 05-08-2025
शिलाई के 52 गांवों की आस्था के प्रतीक जाहरवीर गुग्गा पीर का पौराणिक धार्मिक जिला स्तरीय गुगाल मेला इस बार भी धूमधाम से मनाया जाएगा। मेले की शुरुआत के लिए गुग्गा पीर की छड़ी नौ अगस्त को मंदिर से अपनी खत (परिक्रमा) पर निकलेंगे। यह परिक्रमा एक सप्ताह तक चलेगी, जिसमें गुग्गा पीर 52 गांवों का भ्रमण करेंगे और भक्तों को दर्शन देंगे। गुग्गा पीर की इस यात्रा और उसके बाद होने वाले गुगाल मेले को लेकर खत वासियों में काफी उत्साह है। खत वासी बेसब्री से देवता आने का इंतजार कर रहे हैं। सभी को नौ अगस्त का इंतजार है जब गुग्गा पीर अपनी यात्रा पर निकलेंगे। गुग्गा पीर का यह वार्षिक भ्रमण भक्तों के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण होता है।
इस दौरान वह विभिन्न गांवों में रुकते हैं जहां श्रद्धालु उनका स्वागत करते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूरी होने की प्रार्थना करते हैं। यह परिक्रमा न केवल एक धार्मिक यात्रा है, बल्कि यह इन 52 गांवों के बीच सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का भी प्रतीक है। एक सप्ताह की परिक्रमा पूरी होने के बाद जिला स्तरीय गुगाल मेले का आयोजन किया जाएगा। 52 गांव में परिक्रमा के दौरान नौ अगस्त की रात का पड़ाव बेला, 10 को कंडियारी , 11 को कोटी , 12 अगस्त को चौथी रात्रि को पड़ाव ग्वाली गांव में निर्धारित है। 13 अगस्त को मटियाना , 14 को पंदयाट , 15 अगस्त की रात्रि पड़ाव को देवता धकोली पहुंचेंगे। 16 को गुग्गा गृह शिलाई पहुंचेंगे। उस रात्रि उपासनी पर्व मनाकर ऐतिहासिक हारूल कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
17 अगस्त को देवता ऐतिहासिक गुगाल मेले के गुग्गा माड़ी के लिए निकलेंगे। माड़ी की यात्रा के दौरान देवता का रथ , झांकियां सहित देव नृत्य , डांडिया नृत्य सहित शिलाई बाजार होते हुए शाम को गुग्गा माड़ी पहुंचेंगे जहां पूरी रात्रि जागरण के दौरान गुगाल मनाई जाएगी। तीन दिवसीय इस मेले में दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं और गुग्गा पीर की पूजा-अर्चना करते हैं। इस साल भी मेले में भारी भीड़ जुटने की उम्मीद है। गुग्गा के बजीर बिट्टू नेगी ने सभी ध्यानटीयों (शिष्यों), भांजियों और खत वासियों व श्रद्धालुओं को मेले में शामिल होने का निमंत्रण दिया है।
उन्होंने कहा कि यह मेला हमारी समृद्ध संस्कृति और परंपरा का हिस्सा है और सभी को इसमें भाग लेकर इसे सफल बनाने का आह्वान किया है। देव करदार तपेंद्र नेगी ने बताया कि गुगाल पर्व के दौरान देव उपवास वाले श्रद्धालुओं को फलाहार का विशेष बंदोबस्त रहेगा तथा रात्रि जागरण में श्रद्धालुओं के मनोरंजन के लिए हाटी संस्कृति देव गाथा पीर बार व नाटियों से लोक कलाकार मनोरंजन करेंगे।