2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद बदली देश की राजनीति की दिशा : शांता कुमार 

भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार के प्रदेश मीडिया संयोजक कर्ण नंदा , वरिष्ठ प्रवक्ता त्रिलोक कपूर और प्रवक्ता संदीपनी भारद्वाज ने उनके निवास स्थान पर भेंट की। इस अवसर पर सभी भाजपा नेताओं को शांता कुमार का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। इस अवसर पर शांता कुमार ने कहा कि 15 अगस्त 1947 से लेकर आज तक के आजाद भारत की यात्रा को जब हम बारीकी से देखते हैं तो पाते हैं कि जिस मल्टी पार्टी पार्लियामेंट्री डेमोक्रेटिक सिस्टम को हमने अपनाया , जिसमें आजादी के तीसरे दशक से ही कुछ दूषित तत्व दिखाई देने लगे थे

Aug 24, 2025 - 19:18
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2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद बदली देश की राजनीति की दिशा : शांता कुमार 

यंगवार्ता न्यूज़ - धर्मशाला  24-08-2025
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार के प्रदेश मीडिया संयोजक कर्ण नंदा , वरिष्ठ प्रवक्ता त्रिलोक कपूर और प्रवक्ता संदीपनी भारद्वाज ने उनके निवास स्थान पर भेंट की। इस अवसर पर सभी भाजपा नेताओं को शांता कुमार का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। इस अवसर पर शांता कुमार ने कहा कि 15 अगस्त 1947 से लेकर आज तक के आजाद भारत की यात्रा को जब हम बारीकी से देखते हैं तो पाते हैं कि जिस मल्टी पार्टी पार्लियामेंट्री डेमोक्रेटिक सिस्टम को हमने अपनाया , जिसमें आजादी के तीसरे दशक से ही कुछ दूषित तत्व दिखाई देने लगे थे। 
जातिवाद , परिवारवाद और तुष्टिकरण नासूर की तरह जनता के जनादेश को प्रभावित करते रहे। चौथा बड़ा मुद्दा था भ्रष्टाचार , जिसने देश की प्रगति को रोका और लोकतांत्रिक जनादेश का मजाक उड़ाया। इन सबके कारण देश में अस्थिरता बनी रही और लंबे समय की नीतियां धरातल पर उतर नहीं पाईं। 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद राजनीति की दिशा बदली। जातिवाद , परिवारवाद और तुष्टिकरण की जगह परफॉर्मेंस की राजनीति का नया युग शुरू हुआ , जिसे आज पूरा देश अनुभव कर रहा है। भ्रष्टाचार को समाप्त करने के लिए सिस्टम और नीतिगत स्तर पर कठोर प्रयास किए गए। 
स्थिरता के कारण देश में लंबे समय की स्पष्ट नीतियों का दौर शुरू हुआ। चाहे आंतरिक और बाहरी सुरक्षा को मजबूत करना हो , इंफ्रास्ट्रक्चर का नया युग लाना हो या देश को समृद्ध बनाने के लिए दूर दृष्टि वाली नीतियाँ लागू करनी हों। इसी का परिणाम है कि जब इन 11 वर्षों को पीछे मुड़कर देखा जाता है तो साफ दिखाई देता है कि 11 वर्ष पहले देश की जनता के मन में भविष्य को लेकर प्रश्न थे, लेकिन आज हर भारतीय के मन में एक विश्वास है कि भारत का कल उज्ज्वल है।

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