स्मार्ट मीटर से तिगुना हो गया उपभोक्ताओं का बिजली बिल , 300 यूनिट मुफ्त बिजली का वादा भूली सुक्खू सरकार  

हिमाचल सरकार द्वारा चुनावी वादों में 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का दावा किया गया था मगर  यह वादा अब तक पूरा नहीं हुआ। इसके उलट सरकार द्वारा शुरू की गई। स्मार्ट मीटर योजना ने जनता की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पहले पूर्व की सरकार ने 125 यूनिट तक निशुल्क की थी , जिसके चलते अधिकतर उपभोक्ताओं को जीरो बिल आता था। मगर 125 यूनिट फ्री तो दूर उल्टा अब तीन गुना बिजली का बिल आने लगा

Aug 6, 2025 - 19:07
Aug 6, 2025 - 19:36
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स्मार्ट मीटर से तिगुना हो गया उपभोक्ताओं का बिजली बिल , 300 यूनिट मुफ्त बिजली का वादा भूली सुक्खू सरकार  
यंगवार्ता न्यूज़ - हरिपुरधार  06-08-2025

हिमाचल सरकार द्वारा चुनावी वादों में 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने का दावा किया गया था मगर  यह वादा अब तक पूरा नहीं हुआ। इसके उलट सरकार द्वारा शुरू की गई। स्मार्ट मीटर योजना ने जनता की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पहले पूर्व की सरकार ने 125 यूनिट तक निशुल्क की थी , जिसके चलते अधिकतर उपभोक्ताओं को जीरो बिल आता था। मगर 125 यूनिट फ्री तो दूर उल्टा अब तीन गुना बिजली का बिल आने लगा। बिजली विभाग द्वारा घर-घर में लगाए गए स्मार्ट मीटर के कारण बिजली बिल दोगुने तिगुने हो गए हैं, जिससे आम जनता में रोष व्याप्त है। नौहराधार के निवासियों का कहना है कि स्मार्ट मीटर लगने से पहले उनके बिजली बिल सामान्य थे जीरो भी बिल आता था , लेकिन अब बिल 1000 से नीचे नहीं आ रहा है। नौहराधार ठठारना निवासी सुदर्शन सिंह का कहना है कि उनके घर में पिछले महीने नया बिजली मीटर लगाया गया था। 
पहले तक जीरो से 350 से 500 रुपये तक बिल आता था। लेकिन नए मीटर लगने के बाद जुलाई में दो बार बिल आया पहले 570 और दूसरी बार 2764 रुपये भुगतान का मैसेज मिला है। अब 11 हजार 432  मेसेज आया है। हालांकि उसे अभी उसे जमा नहीं कराया है। बिजली बोर्ड से बात की जा रही है। इसी तरह कई उपभोक्ता के इसी तरह बिल के मेसेज आ रहे है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि पुराने मीटर से बिजली बिल की खपत के हिसाब से आता था और कोई शिकायत नहीं थी , लेकिन स्मार्ट मीटर की रीडिंग पर भरोसा करना मुश्किल हो रहा है। कई लोगों ने शक जताया कि इन मीटरों में तकनीकी खराबी हो सकती है, जिसके चलते बिल ज्यादा आ रहा है। कुछ का कहना है कि मीटर तेजी से रीडिंग दर्ज करते हैं , जिससे बिजली की खपत गलत तरीके से ज्यादा दिखाई जा रही है। 
उपभोक्ताओं ने बताया कि सरकार ने स्मार्ट मीटर लगाने से पहले कोई ट्रायल नहीं किया, जिसके चलते जनता को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। उपभोक्ताओं ने इसे जनता की जेब पर डाका" करार देते हुए पुराने मीटर वापस लगाने की मांग की और चेतावनी दी कि अगर मांगें पूरी नहीं हुईं, तो क्षेत्रवासी उग्र आंदोलन करेंगे। स्थानीय निवासी सुदर्शन सिंह , भारतभूषण, संजीव , रविंद्र सिंह , सुनील आदि सैकड़ो लोगों ने बताया कि स्मार्ट मीटर ने उनके घर का बजट बिगाड़ दिया है। उन्होंने सरकार पर महंगाई बढ़ाने और वादाखिलाफी का भी आरोप लगाया। इन्होने कहा कि बिजली विभाग से शिकायत करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही जिससे आम उपभोक्ता परेशान व आहत हो गए है।

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