मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना से बनेगा करसोग की 12 महिलाओं का आशियाना
वंचित वर्गों की सामाजिक सुरक्षा और समान अवसरों की दिशा में राज्य सरकार निरंतर सार्थक कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना राज्य की उन महिलाओं के लिए नए अवसर लेकर आई
आवास बनाने के लिए 36 लाख रुपये स्वीकृत, डेढ़ लाख रुपए की पहली किस्त जारी
यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी 23-11-2025
वंचित वर्गों की सामाजिक सुरक्षा और समान अवसरों की दिशा में राज्य सरकार निरंतर सार्थक कदम उठा रही है। मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना राज्य की उन महिलाओं के लिए नए अवसर लेकर आई है, जो विषम परिस्थितियों में अकेले जीवन यापन करने के लिए विवश हैं। राज्य सरकार उन्हें घर बनाने के लिए तीन लाख रुपए की मदद दे रही है।
योजना का उद्देश्य विधवा एवं एकल नारियों को को आवास सुविधा प्रदान करना है। विधवा या 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग की ऐसी अविवाहित अथवा परित्यक्त महिलाएं जिनके पास रहने योग्य घर नहीं है, इस योजना का लाभ ले सकती हैं। इसके अतिरिक्त, वे महिलाएं भी इस योजना के तहत पात्र हैं जिनके पति पिछले सात वर्षों से लापता हैं।
राज्य सरकार ऐसी पात्र लाभार्थी महिलाओं को तीन लाख रुपये की आर्थिक सहायता गृह निर्माण के लिए उपलब्ध करवाती है, ताकि वे सम्मानजनक तरीके से अपना जीवन व्यतीत कर सकें। योजना के तहत आवेदक की वार्षिक आय सभी स्रोतों से 2.50 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए। पात्रता सुनिश्चित होने के बाद लाभार्थियों को तीन लाख रुपए की राशि दो किस्तों में प्रदान की जाती है।
पहली किस्त में 1.50 लाख रुपये और शेष राशि घर के छत स्तर तक निर्माण कार्य पूर्ण होने पश्चात दूसरी किस्त के रूप में प्रदान की जाती है। मंडी जिला के करसोग उपमंडल की 12 पात्र महिलाओं को योजना के अन्तर्गत घर बनाने के लिए राज्य सरकार की ओर से कुल 36 लाख रुपये की राशि स्वीकृत की गई है।
प्रत्येक महिला लाभार्थी को तीन-तीन लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। प्रथम किस्त के रूप में 1.50 लाख रुपये की राशि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू द्वारा हाल ही में अपने करसोग दौरे के दौरान इन पात्र महिलाओं को प्रदान की गई है। इस पहल से न केवल इन महिलाओं के जीवन में स्थायित्व और सुरक्षा की भावना जगी है, बल्कि इन्होंने आत्मनिर्भरता की दिशा में भी सशक्त कदम आगे बढ़ाए हैं।
लाभार्थी महिलाओं में अनिता कुमारी (सालना), सुनीता देवी (कोट), रिशा देवी (खोलतू), प्रेमी देवी (रेहा), सपना देवी (स्नेच), चंद्रावती (दगाव), रीमा देवी (डोबा), खेमदासीं (नेहरा), प्रेम कली (ममेल), कल्पना (घाड़ी), कल्लू देवी (बेलर) और डुली देवी (चलाहणी) शामिल हैं। इन सभी को गृह निर्माण के लिए मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री की संवेदनशील सोच से शुरू हुई इस योजना का लक्ष्य समाज के वंचित वर्ग तक विकास की किरण पहुंचाना है। विशेष रूप से महिलाओं को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाना, सरकार की प्राथमिकता है। विधवा एवं एकल नारी आवास योजना इसी दृष्टि से एक सशक्त पहल है, ताकि लाभार्थी महिलाएं आत्मनिर्भर बनकर समाज में सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें।
इस योजना की लाभार्थी महिलाओं ने सरकार के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें कभी उम्मीद नहीं थी कि राज्य सरकार उनके जीवन की विकट परिस्थितियों को इतनी गंभीरता से समझेगी। अनिता कुमारी ने कहा कि अब उन्हें, अपने व बच्चों के लिए पक्का घर होने का सपना साकार होता दिख रहा है।
सुनीता देवी ने कहा कि यह योजना उनके लिए जीवन का सबसे बड़ा सहारा बनी है। प्रेमी देवी व रिशा देवी ने कहा कि अब उन्हें, अपने सिर पर स्थायी छत का भरोसा मिला है, जिसके लिए वे मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू और राज्य सरकार की आभारी हैं।
मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना समाज के प्रति राज्य सरकार की जिम्मेदारी, संवेदना और प्रतिबद्धता का भी जीवंत उदाहरण है। यह योजना इन महिलाओं के जीवन में उजाला भर रही है। इससे न केवल उन्हें एक अदद छत प्राप्त हुई है, बल्कि जीवन जीने का आत्मविश्वास भी जगा है। राज्य सरकार का यह प्रयास केवल आर्थिक सहयोग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानवीय संवेदना और सामाजिक न्याय का प्रतीक भी है।
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